नई दिल्लीः रियल स्टेट सेक्टर में एक प्रमुख नाम आम्रपाली ग्रुप आज घर देने के नाम पर हजारों लोगों का पैसा डकारने के बाद बदहाली और सुप्रीम कोर्ट का चक्कर काट रहा है. अगले हफ्ते यानी 4 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ होम बायर्स और निवेशकों का पैसा डकारने के मामले में फैसला आने वाला है. इस बीच आम्रपाली होम बायर्स के बाद अब पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं और उन्होंने याचिका दाखिल कर आम्रपाली ग्रुप से 40 करोड़ रुपये दिलाने की मांग की है.
इन सबके बीच ये जानना भी जरूरी है कि आखिरकार नोएडा में कई प्रोजेक्ट्स पर काम करने वाले आम्रपाली ग्रुप की ऐसी स्थिति हुई कैसे कि वह आज दिवालिया हो गया है और सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के सीएमडी अनिल शर्मा समेत 2 अन्य डायरक्टेर्स को गिरफ्तार करने के आदेश दिए हैं. अनिल शर्मा वर्तमान में आम्रपाली फ्लैट खरीदार मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस की हिरासत में है.
मालूम हो कि आम्रपाली ग्रुप के 20 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स में नोएडा और ग्रेटर नोएडा के करीब 45 हजार खरीददारों ने पैसा लगा रखा है. पोजेशन मिलने की अवधि गुजर जाने के बावजूद लोगों को फ्लैट्स नहीं मिले हैं. कई प्रोजेक्ट्स अभी अधूरे हैं. 90 फीसदी खरीददार फ्लैट्स के लिए पैसा जमा कर चुके हैं. कहा जा रहा कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का आम्रपाली ग्रुप पर 4 हजार करोड़ रुपये का बकाया है.
घर न मिलने पर आम्रपाली होम बायर्स सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. 22 फरवरी, 2018 को मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह के मालिक से कहा कि अगर वक्त पर काम पूरा नहीं हुआ तो उन्हें जेल की हवा खानी होगी.
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर 17 मार्च 2018 को सुनवाई हुई जिसके बाद बिल्डर और आम्रपाली होम बायर्स की संयुक्त टीम का गठन किया गया. इस कमिटी को निर्देश दिया गया कि वह काम आम्रपाली के सभी प्रोजेक्ट्स की जांच करके उसकी रिपोर्ट 27 मार्च, 2018 तक सुप्रीम कोर्ट में पेश करे.
बाद में 17 मई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप को तत्काल 250 करोड़ रुपये सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री में जमा कराने के आदेश दिए. लेकिन कंपनी ने पैसा जमा नहीं कराया, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट का शिकंजा कसता गया.
बाद में नैशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) को आम्रपाली ग्रुप के अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा करने की जिम्मेदारी मिली. एनबीसीसी ने कहा कि वह खाली घरों को बेचकर फंड जुटाएगी. इसके लिए खाली पड़े 4,885 घरों को बेचा जाएगा.
इस बीच महेंद्र सिंह धोनी ने आम्रपाली बिल्डर्स से रिश्ता तोड़ लिया. धोनी आम्रपाली ग्रुप के ब्रांड एम्बैसडर थे. अप्रैल 2018 में धोनी के ब्रांड प्रमोशन को मैनेज करने वाली कंपनी रति स्पोर्ट्स ने दिल्ली हाई कोर्ट में आम्रपाली के खिलाफ 150 करोड़ रुपये की रिकवरी के लिए केस किया.
मालूम हो कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली के सीएमडी अनिल शर्मा समेत कंपनी के दो अन्य डायरेक्टर की गिरफ्तारी के आदेश दिए थे. इससे पहले दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने आम्रपाली के सीएमडी अनिल शर्मा और दो डायरेक्टर शिवप्रिया और अजय कुमार के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी जिसमें पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार करने की अर्जी भी दी.
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