नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण ने लोगों को परेशान कर दिया है। प्रदूषण के इस गंभीर संकट से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने भारी बजट जारी किया है, लेकिन नोएडा प्राधिकरण अब तक इसका सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाया है। एक राईट टू इनफार्मेशन (RTI) के जवाब में प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने बताया कि तीन सालों में इस मद में नोएडा प्राधिकरण को कुल 30 करोड़ 89 लाख रुपये का बजट दिया गया था, लेकिन अब तक केवल 3 करोड़ 44 लाख रुपये खर्च हुए हैं। इस रकम से चार मैकेनिकल स्वीपिंग मशीन और एंटी स्मॉग गन खरीदी गई हैं, जबकि बाकी राशि अब भी बची हुई है।
आरटीआई का सवाल सेक्टर 77 के रहने वाले अमित गुप्ता ने पूछा था. इस दौरान उन्होंने जानना चाहा कि इस बजट का कितना हिस्सा प्रदूषण नियंत्रण के लिए खर्च किया गया। वहीं प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट भी केंद्र और राज्य सरकारों को फटकार लगा चुका है। बच्चों के स्कूल बंद कर दिए गए हैं और कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को स्वास्थ्य कारणों से वर्क फ्रॉम होम की भी सुविधा दी है।
हालांकि पिछले दो दिनों से नोएडा में प्रदूषण में थोड़ी राहत आई है। सोमवार को एक्यूआई (AQI) खराब श्रेणी में 243 दर्ज किया गया, लेकिन मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिनों तक हवा की गति तेज रहने से प्रदूषण में और कमी आ सकती है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, फिलहाल हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर पहले से काफी कम है। इस पूरे मामले में अधिकारियों की लापरवाही सामने आ रही है, जिससे प्रदूषण पर काबू पाने के लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा सके हैं। इसके साथ ही ये सवाल भी उठ रहा कि क्या अपने ख़ज़ाने भरने के लिए अधिकारी ये राशि खर्च नहीं कर रहे है?
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