राज्य

सरकारी शिक्षकों के विदेश जाने से बच्चों को क्या मिला फायदा? जानिए सच्चाई

नई दिल्ली : केजरीवाल सरकार हमेशा से दिल्ली के सरकारी स्कूलों को लेकर सक्रिय रही है. सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की बेहतरी के लिए दिल्ली सरकार टीचर को विदेशों में ट्रेनिंग देना चाहती है. इस मुद्दे को लेकर रोज़ दिल्ली सरकार और एलजी के बीच टकराव देखा जा रहा है. दिल्ली सरकार चाहती है कि दिल्ली के सरकारी स्कूल के शिक्षक फिनलैंड से कुछ सीखकर आएं और सरकारी स्कूलों के बच्चों को बेहतर शिक्षा दे सकें. इस बीच एक सवाल ये भी है कि इस प्रशिक्षण से सरकारी स्कूल के बच्चों को कितना फायदा होगा.

 

AAP सरकार ने शुरू किया प्रोग्राम

आम आदमी पार्टी की 2014 में पहली बार दिल्ली में सरकार बनी. तब से लेकर अब तक केजरीवाल सरकार ने कई सरकारी स्कूल के टीचर्स को सिंगापुर-फिनलैंड के स्कूलों में भेजा. दूसरे देशों से ट्रेनिंग लेकर कई टीचर्स दिल्ली सरकार के स्कूलों में बच्चों को टीचिंग देते हैं.दिल्ली में साल 2014 से पहले शीला दीक्षित की सरकार थी. उस समय में दिल्ली सरकार ने कभी भी सरकारी स्कूल के टीचर्स को प्रशिक्षण के लिए विदेश नहीं भेजा था.

फिनलैंड जाने से क्या फायदा होगा?

दिल्ली सरकार ने आरोप लगाया है कि उपराज्यपाल द्वारा टीचर्स को फिनलैंड भेजने से रोक लगाई गई थी. लेकिन सवाल यह भी है कि फिनलैंड जाने वाले यह टीचर महज 5 दिन में ऐसा क्या सीखेंगे जो छात्रों को बेहतर ट्रेनिंग मिल पाएगी. सरकार चाहे तो विदेशों से भी टीचर्स भारत बुलाकर बड़े स्केल पर सरकारी स्कूल के टीचरों को ट्रेनिंग दिलवा सकती है.यदि ऐसा होता है तो ट्रेनिंग के दौरान ना केवल टीचर्स बल्कि छात्र भी कुछ नया सीख पाएंगे.

दिल्ली सरकार का पक्ष देखें तो इस ट्रैनिंग प्रोग्राम से बच्चों को काफी फायदा हुआ है. आप प्रवक्ता गजेंद्र भारद्वाज ने एक समाचार चैनल से इस संबंध में बातचीत की और बताया कि बच्चों का रिजल्ट जो पिछली सरकारों में 70 फीसदी होता था आज 99% हो गया है. साथ ही सरकारी स्कूल के बच्चे आईआईटी इंजीनियर जैसे बड़े संस्थानों से भी जुड़ रहे हैं. ये सब टीचर्स की ट्रेनिंग का ही नतीजा है जो बच्चों के भविष्य को अच्छा बना रहा है.

विदेश भेजना ही क्यों जरूरी?

इसके अलावा दिल्ली सरकार के 6 स्कूल देश के टॉप 10 स्कूल में गिने जाते हैं. गजेंद्र भारद्वाज ने उपराज्यपाल पर हमला बोला और कहा पिछले उपराज्यपाल ने लगभग 1100 टीचरों को ट्रेनिंग के लिए सिंगापुर और फिनलैंड भेजा था. लेकिन नए एलजी साहब टीचर्स को ट्रेनिंग के लिए बाहर भेजना नहीं चाहते हैं. इस बीच एक सवाल ये भी उठता है कि आखिर सरकार ने विदेशी शिक्षा संस्थानों का चयन क्यों किया गया जबकि वहां का एनवायरमेंट और सरकार पॉलिसी हमारे देश से मेल नहीं खाती. सरकारी स्कूल के शिक्षकों को इस ट्रेनिंग के लिए अन्य राज्यों में क्यों नहीं भेजा जा सकता है?

VIRAL: नोएडा में पार्किंग को लेकर हुआ विवाद, कार सवार लोगों ने लोहे की राड से दुकानदार को पीटा

Riya Kumari

Recent Posts

मुस्लिम लोग क्यों सूअर के मांस को मानते हैं हराम? इसके पीछे का सच जानकर उड़ जाएंगे होश

नई दिल्ली: मुस्लिम धर्म में सूअर का मांस खाना हराम माना जाता है। यह धारणा…

2 minutes ago

कैंसर के साथ-साथ कई दर्द झेल रहीं हिना खान, मालदीव से शेयर किया चिंताजनक पोस्ट

नई दिल्ली: फेमस टीवी एक्ट्रेस हिना खान लंबे समय से स्टेज-थ्री ब्रेस्ट कैंसर से जूझ…

6 minutes ago

51 साल की कोरियोग्राफर का लिवइन में रहने की इच्छा, करोड़ो की मालकिन नहीं करेगी शादी

नई दिल्ली: अगर आप टीवी और डांस रियलिटी शो के शौकीन है तो आप इस…

11 minutes ago

दो हफ्तों में 158 पुरूषों से बनाएं संबंध, मां लाकर देती थी कंडोम, पोर्न स्टार की बात सुनकर दिमाग हिल जाएगा

पोर्न इंडस्ट्री युवाओं को अपनी ओर बहुत जल्दी आकर्षित करती है। इससे मिलने वाले पैसे…

17 minutes ago

सलमान खान के पिता से लेकर अक्षय कुमार और अन्य सेलिब्रिटी ने डाला वोट

नई दिल्ली: महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों के लिए वोटिंग शुरू हो गई है. सुबह…

36 minutes ago

लेमन टी के साथ कभी न खाएं ये चीजें, डायबिटीज मरीज भूलकर भी न करें ये गलती, होगा सेहत को नुकसान

नई दिल्ली: लेमन टी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद मानी जाती है, खासतौर पर जब इसे…

44 minutes ago