वक़्फ़ बोर्ड कानून के खिलाफ पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में विरोध प्रदर्शन तेज़ हो गए हैं। हालात इस कदर बिगड़ गए हैं कि क्षेत्र में आगजनी, हिंसा और दंगे जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। प्रदर्शनकारियों का गुस्सा हिंसक रूप ले चुका है। जब से लोकसभा और राज्यसभा में वक़्फ़ बोर्ड संबंधित कानून पारित हुआ है, तब से बंगाल के विभिन्न हिस्सों से हिंसा के कई वीडियो सामने आए हैं। ताज़ा हिंसा में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग घायल बताए जा रहे हैं। साथ ही, कई स्थानों पर हिंदुओं की दुकानों में आग लगा दी गई है।
इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें कई हिंदू परिवारों को मुर्शिदाबाद छोड़ने के लिए मजबूर होते देखा जा सकता है। इस वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है कि कई हिंदू महिलाएं साड़ी पहने हुए अपने परिवार के साथ पलायन कर रही हैं। बताया जा रहा है कि ये लोग इसलिए पलायन करने को मजबूर हैं क्योंकि उन्हें ममता बनर्जी की सरकार से कोई उम्मीद नहीं है और वे खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
एक समुदाय तक सीमित रह गई है
वीडियो हालात की गंभीरता को बयां करता है और प्रशासन की भूमिका पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि जो ममता बनर्जी ‘जय श्री राम’ का नारा सुनकर नाराज़ हो जाती हैं, वह हिंदुओं के पलायन पर चुप क्यों हैं? क्या ममता सरकार की संवेदनशीलता सिर्फ एक समुदाय तक सीमित रह गई है?
ममता बनर्जी का बयान
इस विरोध प्रदर्शन के बीच कल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का भी बयान सामने हुआ था. उन्होंने कहा कि बंगाल में वक्फ कानून लागू नहीं किया जाएगा। हिंसा के बाद धुलियान जैसे कई बड़े इलाकों में अशांति का माहौल है. वक्फ कानून के खिलाफ मुस्लिम संगठन लगातार विरोध प्रदर्शन करते दिखाई दे रहे हैं। शुक्रवार को मुर्शिदाबाद में हिंसा भड़की हुई थी. तब से स्थिति लगातार तनावपूर्ण में बनी हुई है.
उकसावे में न आए
सीएम ममता बनर्जी ने लोगों से शांत रहने और उकसावे में न आने का आग्रह भी किया है उन्होंने कहा है कि हम किसी भी हिंसा का समर्थन नहीं करते हैं। कुछ दल राजनीतिक लाभ के लिए धर्म का दुरुपयोग करने की कोशिश कर रहे हैं. उनके बहकावे में न आएं. हर इंसान की जान कीमती है। राजनीति के लिए दंगे न भड़काएं. जो भीा लोग दंगे भड़का रहे हैं, वे समाज को नुकसान पहुंचे का काम कर रहे हैं।