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अपने ही देश में डर के साए में कैंपों में रह रहे हिंदू, मुर्शिदाबाद में सनातनियों का सब कुछ खत्म, दीदी का मुर्शिदाबाद बना हिंदुओं के लिए अभिशाप

मुर्शिदाबाद में शुक्रवार को हुई हिंसा के बाद धुलियान इलाके में दंगाइयों का खौफ इस कदर है कि लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। हालात ऐसे है कि यहां रह रहे लोग अपनी जान बचाने के लिए पलायन कर रहे हैं।

Bengal Hinsa
inkhbar News
  • April 15, 2025 11:32 am Asia/KolkataIST, Updated 2 weeks ago

पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन ने उग्र रूप ले लिया है। मुर्शिदाबाद से शुरू हुई हिंसा की आग अब साउथ 24 परगना, पूर्वी बर्धमान और अन्य जिलों तक फैल चुकी है। सोमवार को साउथ 24 परगना के भांगरा क्षेत्र में इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) के कार्यकर्ताओं ने हिंसक प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया, दुकानों में तोड़फोड़ की और कई बाइकों में आग लगा दी। हाईवे पर जाम लगाकर घंटों तक हंगामा मचाया गया।

पुलिस बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश

पूर्वी बर्धमान में भी ISF कार्यकर्ताओं ने पुलिस बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की। स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। वहीं, मुर्शिदाबाद के धुलियान इलाके में शुक्रवार को हुई हिंसा के बाद तनाव बरकरार है। स्थानीय हिंदू समुदाय दहशत में है और कई लोग पलायन को मजबूर हो गए हैं।

असुविधाओं से जूझ रहे हिन्दू

धुलियान, सुती, शमशेरगंज और जंगीपुर जैसे इलाकों में दंगाइयों ने दुकानों, घरों और मंदिरों को निशाना बनाया। हिंसा से भयभीत होकर लगभग एक हजार लोग अपने घर छोड़कर मालदा पहुंच गए हैं और वहां के लालपुर हाईस्कूल में शरण ले रखी है। हालांकि, राहत शिविर में भी लोग असुविधाओं से जूझ रहे हैं। भोजन, दवाई और अन्य जरूरी सामान की भारी किल्लत है।

हिंसा पीड़ितों ने बताया कि भीड़ ने उनके सालों पुराने व्यवसाय को तबाह कर दिया। दुकानों के शटर तोड़कर लूटपाट की गई और कई स्थानों पर आगजनी हुई। राज्य प्रशासन ने हालात को नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। मुर्शिदाबाद सहित अन्य संवेदनशील इलाकों में BSF, CRPF और RAF की कई कंपनियां तैनात की गई हैं। सुरक्षा बलों द्वारा फ्लैग मार्च किया जा रहा है और वरिष्ठ अधिकारी मौके पर कैंप कर रहे हैं। फिलहाल, हालात धीरे-धीरे सामान्य होने की ओर हैं लेकिन लोगों के मन में अब भी डर बना हुआ है। प्रभावित समुदाय प्रशासन से न्याय की मांग कर रहा है।

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