पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में भूमि विवाद को लेकर कंगारू अदालत ने एक शख्स को जिंदा जलाने का आदेश दिया. लेकिन उसके परिवार वालों ने उसे बचा लिया और अस्पताल में भर्ती कराया. पुलिस ने इस मामले में कंगारू अदालत लगाने वाले शख्स सहित 3 लोगों को गिरफ्तार किया है.
मालदा: पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में बेहद खौफनाक मामला सामने आया है. कंगारू कोर्ट के आदेश के बाद जमीन विवाद को लेकर एक समूह ने 29 साल के शख्स को जिंदा जलाने की कोशिश की. अधिकारियों ने गुरुवार को इसकी पुष्टि की. कंगारू अदालत संविधान द्वारा तय किए गए नियम और कानूनों को नहीं मानती. मोंडल हंसदा को बुधवार रात केंदपुकुर गांव में बांधकर आग लगा दी गई, लेकिन उनके परिवार ने उन्हें बचा लिया और अस्पताल ले गए. उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है.
हबीबपुर ब्लॉक डिवेलपमेंट अॉफिसर शुभाजीत जना ने कहा, कंगारू अदालत लगाने वाले स्थानीय समुदाय के मुखिया सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. हंसदा और उनकी आंटी पिछले कई वर्षों से भूमि विवाद में फंसे हुए थे और कंगारू अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया था. इसके बाद समुदाय के मुखिया ने कुछ लोगों को उसके हाथ-पैर बांधकर मिट्टी का तेल डालकर आग लगाने का फरमान दिया. उन्होंने कहा, परिवार के सदस्यों ने आग बुझाई और उसे अस्पताल में भर्ती कराया. इसके बाद इन लोगों को गिरफ्तार किया गया.
बता दें कि 2 अक्टूबर को राज्य के उत्तर 24 परगना जिले के दमदम में हुए बम विस्फोट में एक आठ वर्षीय बच्चे की मौत हो गई, जबकि नौ लोग घायल हो गए थे. सरकारी अस्पताल में भर्ती कराए जाने वाले घायलों में मृतक बच्चे बिभाष घोष की मां भी शामिल हैं. चश्मदीदों के मुताबिक विस्फोट से आसपास की दुकानों को नुकसान पहुंचा, घरों की खिड़कियों के शीशे टूट गए थे. सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी भाजपा ने धमाके के लिए एक-दूसरे पर आरोप लगाए थे.
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