सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम दिल्ली सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं। वह यह नहीं बता पाई है कि दिल्ली में कितने एंट्री पॉइंट हैं और उसके अधिकारी कहां मौजूद हैं। एमिकस क्यूरी ने हमें बताया कि कुल 113 एंट्री पॉइंट हैं। सिर्फ 13 में ही सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। ऐसा लगता है कि बाकी पॉइंट से ट्रक घुस रहे हैं।
नई दिल्लीः देश की राजधानी दिल्ली इस वक्त जहरीली गैस का चैंबर बन चुकी है। राजधानी में प्रदूषण के मुद्दे पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कड़े सवाल पूछे, जिसके जवाब मिलने पर कोर्ट ने कहा वह दिल्ली सरकार के जवाबों से संतुष्ट नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम दिल्ली सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं। वह यह नहीं बता पाई है कि दिल्ली में कितने एंट्री पॉइंट हैं और उसके अधिकारी कहां मौजूद हैं। एमिकस क्यूरी ने हमें बताया कि कुल 113 एंट्री पॉइंट हैं। सिर्फ 13 में ही सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। ऐसा लगता है कि बाकी पॉइंट से ट्रक घुस रहे हैं। हम दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को आदेश दे रहे हैं कि सभी 113 जगहों पर तुरंत चेक पोस्ट बनाएं। कोर्ट ने कहा कि वह केंद्र सरकार को कहेगा कि सभी 113 एंट्री पांइट पर पुलिस अधिकारी नियुक्त करें। दिल्ली लीगल सर्विस ऑथोरिटी से कहेंगे कि वह पैरा लीगल वॉलंटीयर्स को भी निगरानी के लिए नियुक्त करे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, एमिकस क्यूरी को उन 13 एंट्री पॉइंट की फुटेज दें जहां सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, ऐसा लगता है कि बाकी 100 पर कोई जांच नहीं हो रही है। हमें खुशी है कि 13 वकील कोर्ट कमिश्नर के तौर पर काम करने के लिए तैयार हो गए हैं। इन कोर्ट कमिश्नर को दिल्ली के एंट्री पॉइंट पर जाने के लिए सुविधाएं और जरूरी सुरक्षा दी जानी चाहिए। सोमवार को सुनवाई होगी।
एक वकील ने स्कूल बंद होने से गरीब अभिभावकों को हो रही परेशानी का हवाला दिया। उन्होंने कहा, उन्हें अपना काम छोड़कर बच्चों के लिए घर पर रहना पड़ रहा है। इस पर कोर्ट ने कहा, फिलहाल ग्रेप 4 लागू है। हम अगले हफ्ते मामले की सुनवाई करेंगे।
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