नई दिल्ली: देश में एक नए विवाद ने जन्म लिया है। मोदी सरकार आज संसद में वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन करने के लिए बिल पेश कर सकती है जिसको लेकर घमासान शुरू हो गया है। विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार पर हमला कर रही है तो अब वहीं संजय रातउ (UBT) ने इसे लेकर एक […]
नई दिल्ली: देश में एक नए विवाद ने जन्म लिया है। मोदी सरकार आज संसद में वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन करने के लिए बिल पेश कर सकती है जिसको लेकर घमासान शुरू हो गया है। विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार पर हमला कर रही है तो अब वहीं संजय रातउ (UBT) ने इसे लेकर एक बड़ा बयान दिया है।
संजय राउत ने बताया कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे तीन दिनों के लिए दिल्ली आ रहे है कहा कि दस साल में सबसे ज्यादा लैंड जिहाद हुआ है। उद्धव ठाकरे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और सोनिया गांधी से मुलाकात करने वाले हैं। राउत ने कहा उनकी पार्टी संसद में वक्फ बोर्ड पर चर्चा करेगी। अभी पूरा मसौदा नहीं आया है। इस सरकार के 10 साल में सबसे ज्यादा जमीन जिहाद हुआ है।
वक्फ बोर्ड संशोधन विवाद के बीच ओवैसी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार वक्फ बोर्ड के अधिकार छीनना चाहती है। बीजेपी हमेशा से वक्फ बोर्ड के खिलाफ रही है। केंद्र सरकार ने खुद इस बिल की जानकारी मीडिया को लीक की है। सरकार को पहले संसद में यह जानकारी देनी चाहिए। अगर बीजेपी वक्फ बोर्ड का सर्वे कराए तो उसका नतीजा क्या होगा?
वक्फ अधिनियम वर्ष 1954 में पारित किया गया था। 1995 में वक्फ अधिनियम में संशोधन कर वक्फ बोर्ड को असीमित अधिकार दे दिये गये। इसके मुताबिक, अगर वक्फ बोर्ड किसी संपत्ति पर दावा करता है तो वक्फ की संपत्ति मानी जाएगी। अगर दावा झूठा है तो संपत्ति मालिक को इसे साबित करना होगा। 2013 में फिर से अधिनियम में संशोधन किया गया।
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