पटना/नई दिल्ली: बिहार की राजधानी पटना के नजदीक स्थित फ़तुआ गांव के निवासियों के चेहरे के रंग उड़े हुए हैं। लोगों ने अपना खाना पीना छोड़ दिया है और कोर्ट कचहरी का चक्कर लगा रहे हैं। दरअसल वक्फ बोर्ड ने उनकी जमीन पर दावा ठोक दिया है। ऐसे में वो लोग अपने मकान को छोड़कर […]
पटना/नई दिल्ली: बिहार की राजधानी पटना के नजदीक स्थित फ़तुआ गांव के निवासियों के चेहरे के रंग उड़े हुए हैं। लोगों ने अपना खाना पीना छोड़ दिया है और कोर्ट कचहरी का चक्कर लगा रहे हैं। दरअसल वक्फ बोर्ड ने उनकी जमीन पर दावा ठोक दिया है। ऐसे में वो लोग अपने मकान को छोड़कर कहां जायेंगे इसी टेंशन में है। वक्फ ने कहा है कि गांव उनकी जमीन पर बसा हुआ है। बता दें कि इस गांव में 95 फीसदी लोग हिन्दू हैं।
सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से जारी नोटिस में कहा गया कि वहां की अधिकांश जमीन वक्फ बोर्ड की है। ऐसे में उन्हें एक महीने के अंदर जमीन खाली करनी पड़ेगी। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर जारी सियासी घमासान के बीच इस खबर के आने से हड़कंप मच गया है। बोर्ड से नोटिस मिलने से गांव वाले बेहद परेशान हैं।
मामले में ग्रामीणों का कहना है कि गांव में लगभग 95 प्रतिशत हिंदू आबादी है। यहां पर कई पीढ़ियों से लोग रह रहे हैं। उनके पास जमीन के कागजात भी है जो उनके नाम हैं लेकिन अचानक से वक्फ बोर्ड इस पर दावा ठोक रहा है। लोग मामले में कोर्ट पहुंचे लेकिन वहां पता चला कि उन्होंने अदालत में कोई कागजात पेश नहीं किया है। जदयू नेता संतोष कुशवाहा ने कहा कि सरकार मामले को देख रही है। किसी के साथ अन्याय नहीं होगा।
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