जम्मू कश्मीर में निकाय चुनाव का पहले चरण का मतदान चल रहा है. नेशनल कांफ्रेंस और महबूबा मुफ्ती की पीडीपी सहित अलगाववादी दलों ने भी चुनाव का बहिष्कार किया है. इसके अलावा प्रत्याशियों को आतंकी धमकियां भी मिल चुकी हैं. इसके बाद अर्धसैनिक बलों और प्रशासन ने उनकी सुरक्षा का वादा किया है.
जम्मू-कश्मीर. जम्मू कश्मीर में सोमवार को नगर निकाय चुनाव के पहले चरण की वोटिंग चल रही है. अलगाववादियों के बंद की घोषणा और राजनीतिक पार्टियों के बहिष्कार के बीच चुनाव चल रहा है. आतंकियों ने लोगों को मतदान नहीं करने की धमकी दी है. इसके बावजूद लोग वोटिंग के लिए निकल रहे हैं. राज्य में केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की 400 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गई हैं.
आतंकी धमकियां देखते हुए प्रशासन ने उम्मीदवारों को सुरक्षित स्थान पर रखकर भयमुक्त चुनाव कराने का दावा किया है. वहीं दूसरी तरफ पुलिस ने चुनाव बहिष्कार करने वाले हुर्रियत कांफ्रेंस के नरमपंथी धड़े के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक को नजरबंद कर दिया है. पहले चरण में 1283 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. पहले चरण में कश्मीर में 149, जम्मू के 247 और लद्दाख के 26 वार्ड में चुनाव हो रहे हैं.
नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने चुनाव का बहिष्कार करते हुए अपने उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारे हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के अलावा सीपीआईएम, हाकिम यासीन के नेतृत्व वाले पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ) और गुलाम हसन मीर की डेमोक्रेटिक पार्टी नैशनलिस्ट (डीपीएन) समेत मुख्य राजनीतिक पार्टियों ने भी चुनाव में हिस्सा नहीं लिया है. राजनीतिक पार्टियों के बहिष्कार की वजह से वोट डालने के लिए कम लोग ही निकल रहे हैं.
कश्मीर घाटी में पंचायत और निकाय चुनाव में उतरे प्रत्याशियों को पहले से ही आतंकी संगठनों द्वारा दी गई धमकी को देखते हुए सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान पूरी सतर्कता बरत रहे हैं. ड्रोन के जरिए मतदान केंद्रों की निगरानी की जा रही है. चुनाव से एक दिन पहले रविवार को शोपियां जिले के कई गांवों में तलाशी अभियान चलाया गया है.