एप्पल के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी मर्डर में आरोपी पुलिसवाले प्रशांत चौधरी के झूठ की पोल पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने खोल दी है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि गोली नीचे गिरे सिपाही ने नहीं मारी बल्कि कार के बोनट से निशाना बनाया गया.
लखनऊ. एप्पल के सेल्स एग्जिक्यूटिव विवेक तिवारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने आरोप सिपाही प्रशांत चौधरी के झूठ की पोल खोल दी है. प्रशांत चौधरी ने कहा था कि विवेक उसकी बाइक को कार से कुचलना चाहता था इसलिए आत्मरक्षा में गोली चलाई. लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट कहती है कि गोली इत्मीनान से निशाना बनाकर मारी गई. रिपोर्ट के मुताबिक, गोली विवेक की ठुड्डी के पास लगी, वह ऊपर से नीचे की ओर जाकर गले के पास फंसी थी. ऐसे में साफ हो रहा है कि प्रशांत ने ना तो गोली बराबर से सटाकर मारी और ना ही नीचे गिरकर मारी.
गोली की स्थिति देखकर कहा जा रहा है कि प्रशांत ने नीचे गिरे हुए गोली नहीं चलाई थी. यह गोली ऊपर की तरफ से चलाई गई थी. हत्या के पहले दिन प्रशांत चौधरी ने बयान दिया था कि विवेक ने उसकी बाइक पर दो बार अपनी एसयूबी चढ़ाने की कोशिश की थी. इस दौरान वह नीचे गिर गया और गिरी हालत में ही गोली चला दी. जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डॉक्टर्स ने लिखा है कि गोली विवेक के मुंह से 3.5 सेमी. नीचे ठुड्डी के बांयी तरफ लगी है जो गोली सिर के नीचे गले की तरफ फंसी थी. एक्सरे में नजर आ रहा है कि गले के बांयी तरफ 11 सेमी. नीचे लगी है.
इस मामले की चश्मदीद गवाह और विवेक की दोस्त सना ने दावा किया है कि विवेक अस्पताल पहुंचने तक जिंदा थे. सना ने कहा कि इस हादसे के बाद मैं सड़क पर खड़ी मदद के लिए चीखती रही लेकिन कोई नहीं रुका. करीब 15 मिनट बाद पुलिस की जीप आई और उसमें सवार पुलिसकर्मियों ने एंबुलेंस के लिए फोन किया. एंबुलेंस नहीं पहुंची तो उसने पुलिसवालों से मिन्नत की कि विवेक को अस्पताल अपनी जीप से ही ले चलें. इसके बाद सिपाहियों ने विवेक को जीप में लिटाया और लोहिया अस्पताल ले गए. अस्पताल पहुंचने तक विवेक जीवित था.
सना ने यह भी दावा किया कि डॉक्टरों ने कहा था कि उसकी जान बचाई जा सकती है. लेकिन बाद में मृत घोषित कर दिया. उसने कहा कि पुलिसवाले उसे सफेद जीप में दो घंटे तक घुमाते रहे. इसके बाद एक महिला कांस्टेबल को भी साथ ले लिया. बाद में महिला कांस्टेबल के साथ उसे लेकर थाना पहुंचे और एफआईआर कराई. एफआईआर के दौरान वहां मौजूद महिला कांस्टेबल ने उससे बहुत सारे सवाल पूछे और उसकी बातों को काटने की कोशिश की. सना ने हड़बड़ी में जो भी बोला उसी के आधार पर एफआईआर लिख ली गई.