Vivek Tiwari Murder Case: चश्मदीद सना खान ने सुनाई दास्तां, कहा- सर गाड़ी रोकना नहीं चाहते थे, पुलिस हिंसक हो गई थी

28 सितंबर की रात 2 बजे उत्तर प्रदेश के लखनऊ के गोमती नगर में एप्पल कंपनी के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की यूपी पुलिस के कॉन्स्टेबल ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. उस वक्त उनके साथ सना खान कार में थी. इस मामले के बाद पूरे देश में सियासत गर्म हो गई है. दोनों पुलिसकर्मियों पर धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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Vivek Tiwari Murder Case: चश्मदीद सना खान ने सुनाई दास्तां, कहा- सर गाड़ी रोकना नहीं चाहते थे, पुलिस हिंसक हो गई थी

Aanchal Pandey

  • October 2, 2018 11:31 am Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुए विवेक तिवारी हत्याकांड मामले की चश्मदीद गवाह सना खान ने कई हैरतअंगेज खुलासे किए हैं. सना ने कहा कि शुक्रवार रात दो पुलिसकर्मियों ने विवेक तिवारी की कार को देखा और उनमें से एक ने कथित तौर पर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी. पुलिसवाले चाहते थे कि वे कार को रोककर बाहर आएं और उनमें से एक डंडा कार की खिड़की से जबरदस्ती अंदर घुसाने की कोशिश की. सना ने कहा, ”सर को कार रोकना सही नहीं लगा” और वे वहां से चले जाना चाहते थे.

लखनऊ में किराये पर रहने वाली सना खान ने कहा, वो गुस्से के साथ आए थे, रोकने को बोल रहे थे, बाहर आने को बोल रहे थे. एक (कॉन्स्टेबल) लाठी खिड़की के अंदर घुसाने लगा…जब ये सब चीजें होने लगी तो सर को रुकना सही नहीं लगा. उसने कहा कि तिवारी सर आगे जाने लगे और बाइक गिर गई. सना ने कहा, ”पुलिसवाले दूसरी तरफ खड़े थे. जैसे ही सर ने दूसरी बार गाड़ी आगे बढ़ाई, उनमें से एक जो बाइक चला रहा था और जिसने बाइक पार्क की थी, उसने सर पर गोली चला दी. सर ने कुछ मिनट गाड़ी चलाई और फिर वह दीवार से जा टकराई. उनके खून बहने लगा”. सना ने कहा कि वह सांस ले रहे थे लेकिन बोल नहीं पा रहे थे.

सना ने कहा कि उस दिन मेरा फोन घर रह गया था और तिवारी का फोन लॉक था. मैं नीचे उतरी और रोते हुए मदद के लिए चिल्लाने लगी. रोड पर कई ट्रक भी खड़े थे. मैं ड्राइवर्स के पास गई और उनसे एक कॉल करने को कहा. लेकिन उन्होंने कहा कि उनके पास मोबाइल नहीं है. 15 मिनट बाद, पुलिस की एक गाड़ी आई और उन्होंने एंबुलेंस को फोन किया. चूंकि एंबुलेंस के आने में वक्त लगता, इसलिए सना ने पुलिस से तिवारी को अस्पताल ले जाने को कहा. इसके बाद विवेक को पुलिस की गाड़ी में लोहिया अस्पताल ले जाया गया.

अस्पताल से सना को पुलिस स्टेशन ले जाया गया, जहां महिला कॉन्स्टेबल ने उसका बयान लिया और उस पर दस्तखत करने को कहा. सना ने कहा, ”मैंने पुलिसवालों से कहा कि मुझे घर ले जाया जाए, ताकि मैं परिवार वालों को फोन कर सकूं. वे मुझे मेरे कमरे पर लाए, लेकिन सिर्फ एक बार मां को फोन करने दिया, जिसके बाद वे मुझे पुलिस स्टेशन वापस ले आए.”

शनिवार को पहुंचीं सना की मां ने कहा, ”हम न्याय के लिए लड़ेंगे, लेकिन हमें यह नहीं पता कि करना क्या है. मेरी बेटी ने एमबीए किया है और वह यहां काम करती है, लेकिन इस घटना ने सब बदल दिया…मैं चाहती हूं कि यह सब रुक जाए.” खान ने कहा, ”उस रात कत्ल हुआ था और मैं चाहती हूं कि लोग उस पर फोकस करें. मैं अपनी नॉर्मल जिंदगी वापस चाहती हूं…मुझे नहीं पता कि वह दोबारा मुमकिन है या नहीं.”

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