उत्तर प्रदेश के इटावा से योगी सरकार के तमाम दावों की पोल खोलने वाली तस्वीरें सामने आई हैं. जिसमें देखा जा सकता है कि कुछ ग्रामीण इलाज के लिए गर्भवती महिला को खाट पर उठाकर ले जा रहे हैं क्योंकि उस गांव में सड़क नहीं है जिससे एम्बुलेंस या कोई वाहन वहां तक पहुंच सके.
इटावाः केंद्र सरकार भले ही गांव को सड़कों को माध्यम से शहरों से जोड़ने के कितने ही दावे कर ले लेकिन आज भी कई ऐसे गांव हैं जहां आजादी के बाद से आज तक सड़क ही नहीं बनीं. ऐसी ही एक तस्वीर उत्तर प्रदेश के इटावा से सामने आई है जिसमें कुछ ग्रामीण एक गर्भवती महिला को इलाज कराने के लिए उसे खाट पर अस्पताल ले जाते दिख रहे हैं. इसके अलावा कुछ स्कूली बच्चों की तस्वीरें भी सामने आई हैं जो कच्ची सड़क पर भरे पानी से निकल रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सड़क ना होने की वजह से उन्हें परेशानी होती है.
आपको बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब इस तरह की तस्वीरें सामने आई हैं इससे पहले बीते शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के विजयनगरम से भी कुछ ऐसी ही तस्वीरें सामने आई थीं जिसमें कुछ ग्रामीण सड़क ना होने के चलते चादर में गर्भवती महिला को इलाज के लिए 12 किमी दूर अस्पताल ले जा रहे थे हालांकि रास्ते में ही उसकी डिलीवरी हो गई थी.
वहीं इससे पहले जुलाई में भी विजयनगरम से ऐसी तस्वीरें सामने आई थीं जिसमें कई किमी दूर अस्पताल में इलाज कराने के लिए गर्भवती महिला को कंधे पर ले जाया जा रहा था और दुर्भाग्यवश इलाज में देरी के कारण नवजात की मौत हो गई थी. आपको बता दें कि आजादी के इतने साल बाद भी आज भी कई गांव ऐसे हैं जहां सड़कें नहीं हैं जिस कारण लोगों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
Etawah: Pregnant woman was allegedly carried on cot as there was no proper road in the village. Local says, 'around 100 families stay here but nobody has made a road here since independence. Pregnant women & ill people are carried on cot till the road. There are no facilities.' pic.twitter.com/1gaKC91M7y
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 7, 2018
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