दिसपुर: भारत की कुछ जगहों के बारे में जानकर हर कोई हैरान रह जाता है। ऐसी ही एक जगह है असम के गुवाहाटी में स्थित मायोंग गांव। यह गांव अपने तंत्र-मंत्र और जादुई शक्तियों के लिए जाना जाता है। यहां के रहस्यमयी इतिहास को जानकर कई लोग डर जाते हैं। प्रेमी जोड़ों की बलि […]
दिसपुर: भारत की कुछ जगहों के बारे में जानकर हर कोई हैरान रह जाता है। ऐसी ही एक जगह है असम के गुवाहाटी में स्थित मायोंग गांव। यह गांव अपने तंत्र-मंत्र और जादुई शक्तियों के लिए जाना जाता है। यहां के रहस्यमयी इतिहास को जानकर कई लोग डर जाते हैं।
मायोंग गांव में कभी प्रेमी जोड़ों की बलि दी जाती थी। यहां के तांत्रिक जादुई शक्तियां हासिल करने के लिए इस बलि का आयोजन करते थे। ऐसा कहा जाता है कि महाभारत के योद्धा घटोत्कच ने भी इस गांव में जादुई शक्तियां हासिल की थीं। घटोत्कच को ही मायोंग का राजा माना जाता है।
इस गांव के मंदिर में किसी देवता की मूर्ति नहीं है, बल्कि केवल पत्थर और कुछ औजार रखे हुए हैं। मायोंग गांव में एक म्यूजियम भी है, जहां तंत्र विद्या और तांत्रिकों का इतिहास लिखा हुआ है। यहां कैथी लिपी में हजारों साल पुराने तंत्रों की जानकारियां मौजूद हैं।
एक समय था जब मायोंग गांव में सिर्फ औरतों का राज था, जिसे ‘त्रिया राज’ कहा जाता था। यहां की महिलाएं तंत्र विद्या में माहिर थीं। कहा जाता है कि वे मर्दों को मोहित करके उन्हें पक्षी, बंदर, लोमड़ी, तोता और कबूतर में बदल देती थीं। दिनभर इन्हें इसी हाल में रखतीं और रात में फिर से पुरुष बना देतीं।
आज भी मायोंग के आसपास के पुरुष इस गांव में जाने से डरते हैं। उन्हें लगता है कि वे यहां जाकर जादू-टोने का शिकार हो सकते हैं। मायोंग आज भी तंत्र विद्या का ठिकाना माना जाता है, जहां बाहरी व्यक्तियों की एंट्री पर रोक लगी हुई है।
मायोंग के म्यूजियम में तंत्र विद्या से जुड़ी कई रोचक जानकारियां मिलती हैं। यहां पर तांत्रिकों के पुराने औजार और उनके द्वारा लिखे गए तंत्र मंत्र देखे जा सकते हैं। इस गांव की रहस्यमयी दुनिया आज भी लोगों को आकर्षित करती है और डराती भी है।