नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मोबाइल टावरों से रिमोट रेडियो यूनिट (आरआरयू), बेस बैंड यूनिट (बीबीयू) और बैटरी सहित महंगे उपकरणों की चोरी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में अब तक 52 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है, जबकि 414 आरआरयू, 110 बीबीयू, 161 […]
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मोबाइल टावरों से रिमोट रेडियो यूनिट (आरआरयू), बेस बैंड यूनिट (बीबीयू) और बैटरी सहित महंगे उपकरणों की चोरी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में अब तक 52 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है, जबकि 414 आरआरयू, 110 बीबीयू, 161 जियो बैटरी और एक आरआरयू टेस्टिंग मशीन सहित 10 करोड़ रुपये से अधिक कीमत का सामान बरामद किया गया है। यह गिरोह देश के विभिन्न राज्यों में सक्रिय था और पिछले कुछ महीनों में क्राइम ब्रांच ने इस गिरोह के खिलाफ ऑपरेशन शुरू किया था।
क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने बताया कि इस गिरोह ने अब तक 65 करोड़ रुपये की कीमत के करीब 5000 से ज्यादा आरआरयू उपकरण विदेश भेजे हैं। वहीं जांच में सामने आया है कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, पंजाब, झारखंड, असम और पश्चिम बंगाल में दर्ज 256 चोरी के मामलों में इस गिरोह का हाथ था।
आरआरयू एक ट्रांसीवर उपकरण है, जो मोबाइल टावरों पर लगाया जाता है और वायरलेस टेक्स्ट तथा डेटा संचार के लिए उपयोग होता है। वहीं बीबीयू एंटीना के जरिए मोबाइल यूजर्स से सिग्नल प्राप्त करता है, जिसे बाद में आरआरयू में भेजा जाता है, जिससे वॉयस कॉल और इंटरनेट जैसी सेवाएं चलती हैं। इस गिरोह द्वारा उपकरणों की चोरी करने से मोबाइल ऑपरेटरों को बार-बार उपकरण स्थापित करने में भारी नुकसान का सामना करना पड़ता था, जिससे उनकी सेवाएं भी बाधित होती थीं।
सागर भटनागर, दिल्ली निवासी सागर भटनागर पर आरोप है कि वह पिछले डेढ़ साल से राजेश शुक्ला और गुरदीप सिंह से चोरी के आरआरयू लेकर उन्हें विदेश भेज रहा था। बता दें उसने एयरलाइंस के जरिए हांगकांग में 3000 से ज्यादा आरआरयू भेजे। वहीं उसके ऑफिस से 2750 आरआरयू का रिकॉर्ड भी बरामद हुआ है। राजेश शुक्ला, उत्तर प्रदेश निवासी राजेश शुक्ला आरपीएस इंटरनेशनल के नाम से कूरियर-कार्गो व्यवसाय चलाता था और चोरी के उपकरण एकत्र कराता था।
इसके अलावा गुरदीप सिंह, दिल्ली के गुरदीप सिंह पर एचटी स्काई कार्गो के नाम से कूरियर कंपनी चलाने और चोरी के उपकरणों की खरीद-फरोख्त करने का आरोप है। वहीं परवीन राणा उर्फ सोनू ठाकुर पर मोबाइल टावर कंपनियों में तकनीशियन के रूप में काम करने वाला परवीन पहले भी इसी तरह के मामलों में गिरफ्तार हो चुका है। इस पूरे मामले पर क्राइम ब्रांच की जांच जारी है और पुलिस इस गिरोह के बाकी सदस्यों की भी तलाश कर रही है।
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