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जोशीमठ : सीएम धामी का आदेश- ‘तुरंत एक अस्थाई पुनर्वास केंद्र बनाने की तैयारी हो’

जोशीमठ : उत्तराखंड के जोशीमठ की दीवारें दरक रहीं हैं और पूरा शहर जमीन में धंस रहा है. आलम ये है कि वहाँ घरों की दीवारों को चीरकर पानी बह रहा है. बदरीनाथ धाम से महज 50 किलोमीटर दूर स्थित जोशीमठ से कई ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं जो पूरे देश को हैरान कर रही […]

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जोशीमठ : सीएम धामी का आदेश- ‘तुरंत एक अस्थाई पुनर्वास केंद्र बनाने की तैयारी हो’
  • January 6, 2023 7:55 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

जोशीमठ : उत्तराखंड के जोशीमठ की दीवारें दरक रहीं हैं और पूरा शहर जमीन में धंस रहा है. आलम ये है कि वहाँ घरों की दीवारों को चीरकर पानी बह रहा है. बदरीनाथ धाम से महज 50 किलोमीटर दूर स्थित जोशीमठ से कई ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं जो पूरे देश को हैरान कर रही हैं. लैंडस्लाइड और दरकती दीवारों की वजह से कई इलाकों में लोग दहशत में जी रहे हैं. घरों की दरारें पूरी नींद लेने नहीं दे रही हैं. लोग घर छोड़कर पलायन कर रहे हैं.

अधिकारियों को दिए शख्त निर्देश

इस मामले को लेकर शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने उच्च स्तरीय बैठ बुलाई थी. इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए जिसमें अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए. मीटिंग में सीएम ने तत्काल सुरक्षित स्थान पर एक बड़ा अस्थायी पुनर्वास केंद्र बसाए जाने की बात कही है. साथ ही जोशीमठ में सेक्टर और जोनल वार योजना भी बनाने के आदेश दिए गए हैं. तत्काल डेंजर जोन को खाली करवाकर आपदा कंट्रोल रूम एक्टिवेट किए जाने का आदेश है. मुख्यमंत्री के आदेश के बाद अधिकारी कार्यो में जुट गए हैं.

सरकार देगी किराया

जोशीमठ क्षेत्र के प्रभावितों के लिए इस बैठक के बाद जिला प्रशासन ने भी बड़ा ऐलान किया है.मुख्यमंत्री के निर्देश पर बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रशासन अगले 6 महीने तक प्रभावित परिवारों को किराया देगी.प्रभावित लोगों को अगले 6 महीने तक किराए के मकान में रहने के लिए ₹4000 प्रति परिवार सहायता दी जाएगी. यह राशि मुख्यमंत्री राहत कोष से प्रदान की जाएगी.

 

500 से अधिक मकान चपेट में

गौरतलब है कि अब तक 500 से ज्यादा घरों में दरार देखी जा चुकी है. खतरे को देखते हुए कई परिवार इस जगह से पलायन कर रहे हैं. पूरा शहर इस समय सहमा हुआ है. स्पेशल टीम पर पूरे मामले को लेकर सुरक्षा की जिम्मेदारी है. साथ ही एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस सुरक्षा बल को अलर्ट मोड पर रखा है. भूगर्भीय टीम और आपदा प्रबंधन के टीम ने मीडिया को बताया कि लगातार प्रशासन की टीम मौके पर निरीक्षण कर रही है. 50 से अधिक लोगों को अब तक शिफ्ट किया जा चुका है. बता दें, खतरे को देखते हुए एनटीपीसी पावर प्रोजेक्ट के टनल के अंदर का काम भी रोक दिया गया है.

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