देहरादून: उत्तरकाशी टनल हादसे को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि हम पिछले 7-8 दिनों से पीड़ितों को बचाने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि उन्हें बाहर निकालना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. यहां काम करने वाले संबंधित अधिकारियों के साथ हमने दो घंटे लंबी बैठक की है. हम […]
देहरादून: उत्तरकाशी टनल हादसे को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि हम पिछले 7-8 दिनों से पीड़ितों को बचाने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि उन्हें बाहर निकालना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. यहां काम करने वाले संबंधित अधिकारियों के साथ हमने दो घंटे लंबी बैठक की है. हम छह वैकल्पिक विकल्पों पर काम कर रहे हैं और यहां पर भारत सरकार की विभिन्न एजेंसियां काम कर रही हैं. इस पर पीएमओ की तरफ से भी खास नजर रखी जा रही है. सुरंग विशेषज्ञों और बीआरओ अधिकारियों को भी इसके लिए बुलाया गया है. हमारी प्राथमिकता सुरंग में फंसे हुए पीड़ितों को भोजन, दवा और ऑक्सीजन उपलब्ध कराना है।
आपको बता दें कि बड़ी-बड़ी मशीन पहले से ही पहाड़ को काटकर रास्ता बना रही हैं जहां से सुरंग में उतरने की कोशिश की जाएगी. सुरंग के मुहाने पर सेफ्टी ब्लॉक लगाकर काम कर रहे मजदूरों के लिए इमरजेंसी एस्केप रूट भी तैयार किया जा रहा है. शनिवार से बड़ी संख्या में सीमा सड़क संगठन और दूसरी एजेंसियों की तरफ से लॉजिस्टिक सपोर्ट पहुंचाया जा रहा है।
उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए 16 नवंबर को लाई गई अमेरिकन औगर ड्रिलिंग मशीन से 60 मीटर लंबी निकासी सुरंग बनाने का काम शुरू हुआ था और 18 नवंबर तक करीब 30 मीटर सुरंग तैयार कर ली गई थी, लेकिन इस अभियान को जोरदार झटका तब लगा जब दोपहर के वक्त पहाड़ दरकने की तेज आवाज हुई. जिससे बचाव कार्य टीमों में हड़कंप मच गया और तुरंत बचाव अभियान को रोकना पड़ा।
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