पुरोला : उत्तरकाशी के पुरोला में लव जिहाद को लेकर मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है जिसमें कई हिंदू संगठन भी कूद पड़े हैं. इसी कड़ी में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे हिंदुवादी संगठनों ने 15 जून को हिंदू महापंचायत करने का ऐलान किया था. हालांकि इस महापंचायत को पुलिस ने […]
पुरोला : उत्तरकाशी के पुरोला में लव जिहाद को लेकर मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है जिसमें कई हिंदू संगठन भी कूद पड़े हैं. इसी कड़ी में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे हिंदुवादी संगठनों ने 15 जून को हिंदू महापंचायत करने का ऐलान किया था. हालांकि इस महापंचायत को पुलिस ने अनुमति नहीं दी थी. अब महापंचायत को स्थगित कर दिया गया है.
दरअसल स्थानीय लोगों ने बैठक करने के बाद इसकी घोषणा की है और बताया कि धारा 144 लागू होने के बाद ये फैसला लिया गया है. दरअसल महापंचायत में शामिल होने वाले कई लोगों को पुलिस ने बॉर्डर से या तो लौटा दिया है या नज़रबंद कर दिया है. स्थानीय लोगों ने नज़रबंद किये जाने पर विरोध भी जताया है.
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 15 जून को होने वाली हिंदू महापंचायत को जिला प्रशासन से इजाजत नहीं मिली है. यह महापंचायत कथित लव जिहाद के मामलों को लेकर पुरोला में होनी थी. अब उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने पंचायत की अनुमति नहीं दी है. इस मामले को लेकर डीजीपी अशोक कुमार का बयान भी सामने आया है. डीजीपी ने कहा है कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ने की इजाजत किसी को नहीं मिलेगी. इससे पहले जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद असद मदनी ने इस महापंचात को रोकने की अपील की. उन्होंने इसे लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी को पत्र भी लिखा है.
महमूद मदनी ने अपने पत्र में अपील की है कि उत्तरकाशी में 15 जून को होने वाली महापंचायत को रोका जाए, नहीं तो राज्य में सांप्रदायिक संघर्ष की स्थिति पैदा हो सकती है. उन्होंने कहा है कि हिंदू महापंचायत की वजह से हिंदू-मुस्लिम समुदायों के बीच खाई और बढ़ जाएगी. सांप्रदायिक सौहार्द और कानून-व्यवस्था के मामले में उत्तराखंड एक आदर्श राज्य रहा है.