उत्तरकाशी, हिम प्रदेश उत्तराखंड में बीते दिनों एक बहुत बड़ा हादसा हो गया, दरअसल, यहां पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू हो गई, वहीं द्रोपदी का डांडा में हिमस्खलन की चपेट में आने से उत्तरकाशी स्थित नेहरु पर्वतारोहण संस्थान (निम) के 30 पर्वतरोहियों का दल फंस गयाथा. हालांकि, इस हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य के […]
उत्तरकाशी, हिम प्रदेश उत्तराखंड में बीते दिनों एक बहुत बड़ा हादसा हो गया, दरअसल, यहां पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू हो गई, वहीं द्रोपदी का डांडा में हिमस्खलन की चपेट में आने से उत्तरकाशी स्थित नेहरु पर्वतारोहण संस्थान (निम) के 30 पर्वतरोहियों का दल फंस गयाथा. हालांकि, इस हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात कर सेना की मदद मांगी, और बचाव कार्य के लिए NDRF, SDRF की टीम मौके पर तैनात की गई, अब तक इस हादसे में 26 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 11 को बचाया जा चुका है. और बाकियों की तलाश जारी है.
द्रौपदी का डांडा-2 हिमस्खलन हादसे में एक परिवार ने अपने इकलौते बेटे को खो दिया. शिवम कैंथला की मौत से उनका परिवार सदमे में है. शिवम के पिता संतोष कैंथला हादसे की खबर मिलते ही अपने परिवार के साथ उत्तरकाशी पहुँच गए थे, यहाँ जब लोगों की तलाश की जा रही थी तब शिवम के परिवार को ये उम्मीद थी कि उनका बेटा वापस आ जाएगा, और वह उत्तरकाशी बेटे को गांव ले जाने आए थे लेकिन उन्हें अब उसका शव लेकर गांव नारकंडा लौटना पड़ा.
हिमाचल प्रदेश के नारकंडा गांव के सेब बागवान संतोष कैंथला का शिवम कैंथला इकलौता बेटा था जो द्रौपदी का डांडा-2 हिमस्खलन की चपेट में आने वाले निम के एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स में हिस्सा था, हिमस्खलन में उसने अपनी जान गंवा दी. बीते मंगलवार को हादसे के बाद जब परिवार को शिवम के लापता होने की सूचना मिली तो वह अगले ही दिन सुबह उत्तरकाशी पहुँचे, उन्हें पूरी उम्मीद थी कि उन्हें उनका बेटा सहित सलामत मिल जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उन्हें किसी चमत्कार की उम्मीद थी, लेकिन चमत्कार असल में कहाँ होते हैं, शुक्रवार को उत्तरकाशी लाए गए चार में से दो शवों की शिनाख्त हो चुकी थी, और जो शेष दो शव थे उसमे से एक शव शिवम कैंथला का निकला.
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