उत्तरकाशी : उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हुए हिमस्खलन में 29 पर्वतारोहियों के दबे होने की बात सामने आ रही थी. अब 29 में से 27 पर्वतारोहियों की मौत की पुष्टि की जा चुकी है. जिनमें से 11 शवों को अब तक उत्तरकाशी लाया जा चुका है. इन 11 शवों की पहचान भी की जा चुकी […]
उत्तरकाशी : उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हुए हिमस्खलन में 29 पर्वतारोहियों के दबे होने की बात सामने आ रही थी. अब 29 में से 27 पर्वतारोहियों की मौत की पुष्टि की जा चुकी है. जिनमें से 11 शवों को अब तक उत्तरकाशी लाया जा चुका है. इन 11 शवों की पहचान भी की जा चुकी है. अभी भी 2 पर्वतारोहियों के शव लापता हैं.
कई घंटों तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद NIM ने ये जानकारी दी है. मालूम हो बीते मंगलवार को यहां बड़ा हादसा हो गया था. जहां 17,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित द्रौपदी का डांडा-2 पर्वत चोटी पर हुए हिमस्खलन से कई पर्वतारोहि बर्फ में दब गए थे. NIM की ओर से ये आंकड़ा जारी किया है है. इस आंकड़े में बताया गया है कि हिमस्खलन में अब तक 27 पर्वतारोहियों की मौत हुई है. हालांकि इसमें से दो इंस्ट्रक्टर भी 27 ट्रेनी पर्वतारोही शामिल थे. लेकिन अब तक दोनों के शवों को लाने में मौसम टीम के लिए बाधक बना हुआ है. लिहाजा अब तक केवल 11 शवों को ही उत्तरकाशी लाया गया है.
गौरतलब है कि गुरुवार से उत्तरकाशी एवलांच हादसे में हाई एल्टिट्यूड वॉर फेयर स्कूल, गुलमर्ग की टीम भी लग चुकी है। ये गुलमर्ग और सियाचिन जैसे हाई एल्टिट्यूड पर युद्ध करने में अभ्यस्त होते हैं। यह टीम सेना को ग्लेशियर में अपना बचाव करने की ट्रेनिंग देती है। ये टीम भी हिमस्खलन में फंसे हुए लोगों का लगातार रेस्कयू कर रही हैं।
द्रौपदी का डांडा-2 हिमस्खलन हादसे में एक परिवार ने अपने इकलौते बेटे को खो दिया. शिवम कैंथला की मौत से उनका परिवार सदमे में है. शिवम के पिता संतोष कैंथला हादसे की खबर मिलते ही अपने परिवार के साथ उत्तरकाशी पहुँच गए थे, यहाँ जब लोगों की तलाश की जा रही थी तब शिवम के परिवार को ये उम्मीद थी कि उनका बेटा वापस आ जाएगा, और वह उत्तरकाशी बेटे को गांव ले जाने आए थे लेकिन उन्हें अब उसका शव लेकर गांव नारकंडा लौटना पड़ा.
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