Kedarnath Dham: उत्तराखंड का केदारनाथ धाम हिंदू धर्म के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है. चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले स्थानीय विधायक आशा नौटियाल ने केदारनाथ में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठाकर नया विवाद खड़ा कर दिया है. यह मांग धार्मिक भावनाओं, पवित्रता और परंपराओं के संरक्षण के नाम पर की गई है लेकिन इसने सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर बहस को जन्म दे दिया है.
धाम की पवित्रता पर सवाल
केदारनाथ जहां हर साल लाखों श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. हिंदू आस्था का प्रमुख केंद्र है. विधायक आशा नौटियाल ने दावा किया है कि कुछ गैर-हिंदू तत्व इस पवित्र स्थल की गरिमा को नुकसान पहुंचा रहे हैं. उनके अनुसार ‘कुछ गैर-हिंदू लोग केदारनाथ धाम में मांस, मछली और शराब परोसने का काम कर रहे हैं जिससे इस तीर्थस्थल की पवित्रता प्रभावित हो रही है.’ उन्होंने यह भी जोड़ा ‘हमारा प्रयास है कि ऐसे लोगों को चिन्हित किया जाए और उन पर प्रतिबंध लगाया जाए. तीर्थस्थल की पवित्रता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है.’
विवाद और विरोध
इस प्रस्ताव ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल मचा दी है. विपक्षी दलों और मानवाधिकार संगठनों ने इस मांग को संविधान के मूलभूत अधिकारों के खिलाफ बताया है. उनका कहना है कि किसी भी व्यक्ति को उसके धर्म के आधार पर किसी स्थान पर आने-जाने से रोकना गैर-कानूनी हो सकता है. विपक्ष ने सरकार से इस मुद्दे पर स्पष्ट रुख अपनाने की मांग की है साथ ही इसे धार्मिक आधार पर समाज को बांटने की कोशिश करार दिया है.
फिलहाल राज्य सरकार या प्रशासन की ओर से इस मांग पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. लेकिन अगर यह प्रस्ताव आगे बढ़ता है तो यह न केवल कानूनी बहस का विषय बन सकता है बल्कि सामाजिक तनाव को भी बढ़ा सकता है. केदारनाथ जैसे तीर्थ स्थल जो देश-विदेश से श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं.
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