देहरादून: विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का प्रसिद्ध ढेला और झिरना पर्यटन जोन को ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार, कॉर्बेट प्रशासन एवं स्थानीय विधायक के खिलाफ नारेबाजी एवं प्रदर्शन करते हुए इन जोनों को बंद कर दिया. ग्रामीणों का कहना है कि लंबे समय से वन विभाग चिन्हित बाघ को ट्रेंकुलाइज नहीं कर पाया है […]
देहरादून: विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का प्रसिद्ध ढेला और झिरना पर्यटन जोन को ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार, कॉर्बेट प्रशासन एवं स्थानीय विधायक के खिलाफ नारेबाजी एवं प्रदर्शन करते हुए इन जोनों को बंद कर दिया. ग्रामीणों का कहना है कि लंबे समय से वन विभाग चिन्हित बाघ को ट्रेंकुलाइज नहीं कर पाया है जिससे गांव में आतंक फैला हुआ है।
विभिन्न मांगों को लेकर ग्रामीण लंबे समय से लगातार प्रदर्शन कर रहे है, इससे पहले भी ग्रामीणों ने दो बार ढेला झिरना पर्यटन ज़ोन को बंद कर चुके है. ग्रामीणों की मांग है कि पिछले महीने बाघ के हमले में मारी गई अनिता देवी के परिवार को पचीस लाख मुआवजा और बाघ के हमले में मारे गए ग्रामीणों के लिए पचीस लाख रुपये मुआवजा घोषित किया जाए, साथ ही पिछले महीने में बाघ के हमले से घायल अंकित का उपचार कॉर्बेट प्रशासन अपने खर्चों पर करवाए तथा उसके परिजनों को दल लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।
प्रदर्शनकारी मुनीष कुमार का कहना है कि पटरानी की रहने वाली 32 वर्षीय अनीता देवी के परिजनों को नौकरी भी दी जाए, साथ ही ग्रामीणों के मद्देनजर वन्यजीवों से सुरक्षा के लिए जरूरी कदम भी उठाए जाए. ग्रामीणों ने इन्हीं मांगों को लेकर आज ढेला झिरना जोन बदं करने की कोशिश की. वही इन मांगों को लेकर ग्रामीणों के साथ कॉर्बेट पार्क के अधिकारियों एवं स्थानीय प्रशासन के बीच शनिवार को बातचीत हुई, लेकिन यह बेनतीजा रही।
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