राज्य में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड की मंत्री रेखा आर्या का मंत्रोच्चारण के साथ बकरी स्वयंवर के आयोजन पर राज्य के ही मंत्री सतपाल महाराज ने आपत्ति जताई है. दोनों मंत्रियों के बीच विवाद है कि बकरियों के स्वयंवर में मंत्रोच्चारण होगा की नहीं. इस विवाद का निपटारा तो अब राज्य के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ही करेंगे.
देहरादूनः देवभूमि उत्तराखंड में मंत्रियों के बीच एक अजीबो-गरीब चीज को लेकर बहस छिड़ गई है. राज्य में आगामी 23 और 24 फरवरी बकरियों का स्वयंवर प्रस्तावित है जिसको लेकर राज्य के संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज और महिला सशक्तिकरण, बाल विकास और राज्य पशुपालन राज्य मंत्री रेखा आर्या के बीच महाभारत छिड़ी हुई है. जिसका निपटारा अब खुद राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत करेंगे.
दरअसल राज्य मंत्री रेखा आर्या उत्तराखंड में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए दो दिवसीय बकरी स्वयंवर का आयोजन कराना चाहती हैं. यह कार्यक्रम पहले से ही स्थानीय संस्था गोट विलेज कराती रही है. संस्था ने ही रेखा आर्या को यह कार्यक्रम आयोजित करने का निमंत्रण दिया. निमंत्रण स्वीकार करने के बाद रेखा आर्या ने धनौल्टी के बकरी स्वयंवर में भागीदारी के साथ फैसला किया कि 23-24 फरवरी को मंत्रोच्चार के साथ बकरियो के स्वयंवर का आयोजन किया जाएगा.
महिला सशक्तिकरण, बाल विकास और राज्य पशुपालन राज्य मंत्री रेखा आर्या का यह फैसला राज्य के संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज के गले नहीं उतरी. उन्होंने रेखा आर्या की ओर से बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस को रद्द करा दिया. उन्होंने तर्क दिया कि मंत्रोच्चारण के बीच बकरियों का विवाह कराना ठीक नहीं है. यह एक तरह से भारतीय संस्कृति का मजाक उड़ाना होगा. दोनों मंत्रियों के बीच इस विवाद को अब प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ही सुलझाएंगे.