देहरादून : गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे को देखते हुए उत्तराखंड सरकार चौंकन्ना हो गई है। धामी सरकार ने उत्तराखंड में इस तरह के हादसों को रोकने के लिए 436 पुराने और जर्जर पुलों की जगह नए ब्रिज बनाने का निर्णय लिया है। राज्य में इन दिनों सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का […]
देहरादून : गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे को देखते हुए उत्तराखंड सरकार चौंकन्ना हो गई है। धामी सरकार ने उत्तराखंड में इस तरह के हादसों को रोकने के लिए 436 पुराने और जर्जर पुलों की जगह नए ब्रिज बनाने का निर्णय लिया है। राज्य में इन दिनों सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का अभियान चलाया जा रहा है मगर इस बीच मोरबी में हुए इस हादसे से सबक लेते हुए धामी सरकार ने जर्जर पुलों पर भी ध्यान देने का फैसला किया है। दरअसल उत्तराखंड में भी काफी संख्या में ऐसे पुल हैं जिनकी स्थिति काफी कमजोर और जर्जर है। इसे मद्देनजर रखते हुए सरकार ने अब इन जर्जर पुलों की जगह नए ब्रिज बनाने का फैसला किया है।
गुजरात के मोरबी जिले में रविवार शाम को दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। मोरबी के मच्छु नदी पर बने 143 साल पुराने ऐतिहासिक पुल के गिर जाने से करीब 134 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं कई लोग घायल हुए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, पुल पर उस वक्त सैकड़ों लोग मौजूद थे और अचानक ये पुल टूट गया। ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। कोर्ट में इस मामले को लेकर जनहित याचिका दाखिल हुई है। वहीं पुल टूटने की वजह उसकी ख़राब स्थिति है, जिसे लेकर अब राज्य सरकार सतर्क हो गई है।
जर्जर पुलों पर भविष्य में किसी भी हादसे को रोकने के लिए धामी सरकार ने बड़ा कदम उठाने का फैसला किया है। राज्य सरकार ने उत्तराखंड में 436 जर्जर पुलों की जगह पर नए पुल बनाने का फैसला किया है। मोरबी हादसे के बाद उत्तराखंड सरकार ने इस दिशा में बड़ी पहल की है। राज्य सरकार भविष्य में मोरबी जैसे किसी भी हादसे को रोकने के लिए अभी से चौंकन्ना हो गई है, इसीलिए अब नए ब्रिज बनाने का बड़ा फैसला लिया गया है।
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