बजट पर बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी सरकार का ये नौवां बजट है. महिलाओं के माथे पर घर चलाने की चिंता की लकीरें उभर आई हैं. आम लोगों के लिए इसमें कुछ नहीं है, लोग कह रहे हैं कि सरकार का उपदेश खत्म हो गया है।
लखनऊ: यूपी का बजट आज पेश किया गया. इस बार बजट का आकार भी बढ़ाया गया है. इस पर नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं. इसी क्रम में अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि ये बजट नहीं बल्कि बहुत बड़ा ढोल है जिसमें आवाज तो बहुत है लेकिन अंदर से खोखला है. इसे देखकर किसानों की उम्मीदों का खेत सूख गया है.
उन्होंने कहा कि यह उनका (BJP ) ‘सेकंड लास्ट’ बजट था। एक और बजट पेश होगा और फिर हमें नई सरकार चुनने का मौका मिलेगा। बजट घोषणापत्र से मेल नहीं खाता। बिना विजन के बजट आए हैं, सरकार के पास कोई रोडमैप नहीं था कि उत्तर प्रदेश को किस दिशा में ले जाना है। हर बजट में सरकार कहती है कि यह सबसे बड़ा बजट है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
अखिलेश यादव ने कहा कि बजट में महंगाई और बेरोजगारी को नियंत्रित करने के लिए कुछ नहीं है। प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा बजट पेश किए जाने पर उन्होंने कहा कि बड़ा बजट होने का कोई मतलब नहीं है, सवाल यह है कि इसमें युवाओं, किसानों, बेरोजगारों और महिलाओं को क्या मिला।उन्होंने कहा कि बजट देखकर मंत्री और विधायक भी निराश हैं, क्योंकि इसमें उनके अपने विभाग के लिए कुछ नहीं है। आखिर उन्हें जनता का सामना करना है।
अखिलेश यादव ने कहा कि इंग्लिश में एक कहा कहावत है ”द स्लाइस इस गोल्ड” . उन्होंने भाषा पर भी तंज कसा और कहा कि कुछ लोग उर्दू का विरोध उर्दू में कर रहे थे। सीएम योगी आदित्यनाथ अपने भाषण में कई बार उर्दू का प्रयोग करते है। कुंभ पर हावर्ल्फ यूनिवर्सिटी में जो स्टडी की थी उसको में इंग्लिश और हिंदी की किताब भेजूंगा इंग्लिश सजाने के लिए हिंदी पढ़ने के लिए।
अखिलेश ने कहा इनका(BJP) पहला संकल्प था कि किसानों को मुफ्त सिंचाई के लिए बिजली देंगे। बुंदेलखंड का किसान बर्बाद हो गया है। उनकी मूंगफली नहीं खरीदी गई। समाजवादी पार्टी सरकार में किसानों के लिए कई मंडी बनाई गई थी, उस मंडी को सरकार ने बर्बाद कर दिया। सरकार से एक भी नई मंडी नहीं बनाई गई। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के पूरा किसान चाहते थे की गन्ना मूल्य बढ़े लेकिन नहीं बढ़ाया गया। आज अनेक बीमारी फैलती जा रही है लेकिन सरकार इलाज नहीं करवा पा रहे है।
उन्होंने कहा कि मैं कैंसर हॉस्पिटल गया था। अस्पताल की व्यवस्थाओं को देखने सबसे पहले वहां में गोरखपुर की एक लड़की से मिला। वो गोरखपुर में इलाज करवाने आई थी। गोरखपुर के बीआरडी और एम्स में कोई व्यवस्था नहीं है। इस बजट में वन ट्रिलियन इकोनॉमी वाली बात नहीं आ रही है। सरकार सिर्फ धोखा दे रही है।अगर इसी रफ्तार से सरकार चली तो वन ट्रिलियन कभी नहीं छू पाएंगे।
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