संसद के दोनों सदनों से वक्फ संशोधन बिल पारित होते ही यूपी की योगी सरकार एक्शन मॉड में आ गई है और उसने वक्फ बोर्ड द्वारा अवैध रूप से घोषित संपत्तियों की जांच के आदेश दिये हैं.  सरकार ने साफ तौर कहा है कि अवैध तरीके से वक्फ घोषित हर संपत्ति को चिन्हित किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी. कई जिलों में तालाब, चारागाह, खलिहान और सार्वजनिक उपयोग की जमीनों को वक्फ घोषित किया गया है. अब उसकी जांच कर सरकार वापस लेगी.

वक्फ संपत्तियों की होगी जांच

इसी क्रम में यूपी सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे अभियान चलाकर ऐसी वक्फ संपत्तियों की पहचान करें जो राजस्व रिकार्ड में दर्ज नहीं हैं और जिन्हें नियम विरुद्ध वक्फ घोषित कर दिया गया. इन अवैध रूप से कब्जाई गई जमीनों की पहचान कर आगे की कार्रवाई की जाएगी. राजस्व विभाग के हवाले से जो खबरें आ रही हैं उसके मुताबिक सुन्नी वक्फ बोर्ड की सिर्फ 2,533 संपत्तियां ही पंजीकृत हैं जबकि शिया वक्फ बोर्ड की सिर्फ 430 संपत्तियां पंजीकृत हैं. बताते हैं कि सुन्नी वक्फ बोर्ड के पास 1,24,355 संपत्तियां और शिया वक्फ बोर्ड के पास 7,785 संपत्तियां हैं. यूपी में शिया वक्फ बोर्ड अलग से हैं.

योगी ने कहा था वक्फ बोर्ड या माफिया

सीएम योगी के तेवर का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि प्रयागराज में एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि वक्फ बोर्ड शहरों में जमीन पर बेबुनियाद दावे करता है. कुंभ मेले की तैयारियों के दौरान कहा गया कि जहां मेले का आयोजन हो रहा है वह जमीन वक्फ की है. तब हमें पूछना पड़ा क्या वक्फ बोर्ड भू-माफिया बन गया है? अब ऐसे अवैध दावों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. राष्ट्रहित सर्वोपरि है. जो लोग राष्ट्र के प्रति वफादार होते हैं, वे हमेशा अपना रास्ता खोज लेते हैं. योगी ने पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के प्रति आभार व्यक्ति किया जिन्होंने इतना महत्वपूर्ण बिल पास कराया.

यह भी पढ़ें-

वक्फ संशोधन बिल पर सबसे बड़ा सर्वे, 58 फीसदी लोग बोले- ये मुस्लिमों के हित में है

वक्फ बिल पर ओवैसी के पेट में इसलिए उठ रही मरोड़, 3 हजार करोड़ की संपत्ति पर कर रखा है कब्जा!