महाकुंभ में मंगलवार-बुधवार की रात करीब डेढ़ बजे भगदड़ मच गई जिसमें 14 लोगों के मरने की खबर आ रही है, हालांकि प्रशासन ने इसकी पुष्टि नहीं की है.
प्रयागराज. महाकुंभ में मंगलवार-बुधवार की रात करीब डेढ़ बजे भगदड़ मच गई जिसमें 14 लोगों के मरने की खबर है. हालांकि, प्रशासन ने मौत या घायलों की संख्या को लेकर कोई पुष्टि नहीं की है. भगदड़ के बाद प्रशासन के अनुरोध पर सभी 13 अखाड़ों ने आज मौनी अमावस्या का अमृत स्नान रद्द कर दिया है।
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में मौनी अमवस्या पर होने वाले अमृत स्नान में बड़ी घटना हो गई. वहां पर अचानक भगदड़ मच गई जिसमें काफी लोगों के मरने और घायल होने की खबर है.भगदड़ के बाद पुलिस-प्रशासन ने सभी 13 अखाड़ों ने आज मौनी अमावस्या का अमृत स्नान रद्द करने को कहा लिहाजा अखाड़ा परिषद ने शाही स्नान को रद्द कर दिया. अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने बताया कि संगम नोज पर ज्यादा भीड़ के कारण यह फैसला लेना पड़ा है.
प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक अफवाह के चलते संगम नोज पर भगदड़ मची, कुछ महिला श्रद्धालु जमीन पर गिर गईं और लोग उन्हें कुचलते हुए भागने लगे. हादसा होते ही पुलिस प्रशासन हरकत में आया और 70 से ज्यादा एंबुलेंस संगम तट पर पहुंचीं.घायलों और मृतकों को तत्काल स्वरुप रानी अस्पताल ले जाया गया. चूंकि भीड़ ज्यादा थी इसलिए सीएम योगी की नजर स्थिति पर रात से ही थी. संगम तट पर NSG कमांडो ने तत्काल मोर्चा संभाल लिया। संगम नोज इलाके को आम लोगों की एंट्री बंद कर दिया गया। तत्काल फैसला किया गया है कि आसपास के जिलों से आने वाले लोगों को तुरंत रोका जाए. प्रशासनिक निर्देश जारी किये गये कि प्रयागराज शहर की सीमा से लगे सभी जिलों श्रद्धालुओं को रोक दिया गया है.
बताया जा रहा है कि महाकुंभ में आज मौनी अमावस्या का स्नान की वजह से करीब 5 करोड़ श्रद्धालु शहर में मौजूद हैं। प्रशासन के मुताबिक, संगम समेत 44 घाटों पर देर रात तक 8-10 से 10 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर सकते हैं. मंगलवार को साढ़े 5 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई थी. सुरक्षा के लिए 60 हजार से ज्यादा जवान तैनात किये गये हैं. महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी को हुई थी और यह 26 फरवरी को चलने वाला है. इससे पहले महाकुंभ में आग लगने की दो घटनाएं हो चुकी है.