नई दिल्ली: रविवार को महाकुंभ मेले में जगद्गुरु स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की अध्यक्षता में आयोजित परमधर्म संसद में राहुल गांधी के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया. जिसकी खूब चर्चा हो रही है. आइए जानते हैं कि आखिर क्या वजह है जिसके चलते सुप्रीम संसद ने राहुल गांधी को हिंदू धर्म से बाहर करने का प्रस्ताव पारित किया है.
धर्म संसद ने राहुल गांधी द्वारा मनुस्मृति पर की गई टिप्पणियों पर गंभीर आपत्ति जताई और मांग की कि वह एक महीने के भीतर अपने बयान वापस लें और अपनी आलोचना को उचित ठहराएं. बता दें कि मनुस्मृति को लेकर राहुल गांधी का बयान वायरल हो रहा है, जिसकी कड़ी निंदा की गई है क्योंकि इससे लाखों हिन्दुओं को ठेस पहुंची है. उन्हें अपने बयान को सही ठहराने और यह बताने के लिए एक महीने का समय दिया गया है कि उन्हें हिंदू धर्म से निष्कासित क्यों न किया जाए.
महाकुंभ मेले के धार्मिक और आध्यात्मिक समागम के बीच पारित प्रस्तावों में हिंदू धर्म के लिए हानिकारक माने जाने वाले मुद्दों पर चर्चा की गई. शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के नेतृत्व में आयोजित इस धर्म संसद ने अमेरिकी प्रशासन द्वारा हिंदू कैदियों के साथ किए जाने वाले अमानवीय व्यवहार और उन्हें गोमांस परोसने की भी निंदा की. इसके लिए धर्म संसद ने राष्ट्रपति ट्रंप प्रशासन से आधिकारिक माफी की भी मांग की है.
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