तीनों महिलाओं को देखकर लोग हैरान हैं। सोशल मीडिया यूजर्स कह रहे हैं कि इन्हें देखकर नहीं लगता कि ये लोग भी दंगाइयों में शामिल हैं। बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने जिन महिलाओं को गिरफ्तार किया है, उस पर आरोप है कि ये छत पर से ही पुलिस वालों पर पत्थर बरसा रही थी।
पवन कल्याण ने कहा कि आइए हम सब एकजुट होकर बांग्लादेश पुलिस द्वारा इस्कॉन बांग्लादेश के पुजारी 'चिन्मय कृष्ण दास' की गिरफ़्तारी के खिलाफ आवाज उठाए।
हिंसा में गोली लगने से घायल हुए सीओ अनुज चौधरी का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें उन्होंने हिंसा करने वाले को जाहिल बताया है।
बांग्लादेश के हिंदू सड़क पर उतर आए हैं और यूनुस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इसे लेकर पुलिस से लेकर सेना तक उन पर अत्याचार कर रही है लेकिन वो पीछे नहीं हट रहे।
चिन्मय दास की गिरफ्तारी से भारत में भी हंगामा बरपा हुआ है। कुंडा विधायक राजा भैया ने इस मामले में प्रतिक्रिया दी है।
उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले से ट्यूशन टीचर की हैवानिय तका एक वीडियो सामने आया है. खड़नी गांव के अरविंद ने अपनी 6 साल की बेटी नव्या को स्कूल के बाद गांव के ही ट्यूटर ज्ञानेन्द्र कुमार उर्फ गोल्डी के पास ट्यूशन पढ़ने भेजा था। कुछ दिन पहले, बच्ची ट्यूटर द्वारा दिए गए वर्ड मीनिंग याद नहीं कर पाई।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भद्दी खेड़ा गांव के एक शादी समारोह में डीजे पर गाना बजाने को लेकर ऐसा विवाद खड़ा हो गया कि शादी ही रुक गई। घटना उस समय हुई जब रायबरेली के गांव से आई बारात में दूल्हे के बहनोई ने अपनी पसंद का गाना बजाने की मांग की।
उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में पुलिस ने एक बड़े हथियार सप्लाई रैकेट का पर्दाफाश किया है, जो इलाके में सक्रिय है. चौंकाने वाली बात ये है कि इस रैकेट का मास्टरमाइंड एक इंस्पेक्टर का बेटा है. पुलिस ने रोहन नाम के एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जो हथियारों की अवैध सप्लाई का बड़ा नेटवर्क चला रहा था. उसके पास से 17 बंदूकें और 700 कारतूस बरामद हुए हैं, जो पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है.
एक ही परिवार में तीन लोगों की भुने हुए चने खाने से मौत हो गई है और दो अन्य लोगों की हालत गंभीर बनी हुई हैं. जानकारी के मुताबिक 24 नवंबर की शाम को परिवार बाजार घूमने निकला था. इस दौरान परिवार ने एक ठेले वाले से भुने हुए चने खरीद कर खाए.
इकरा हसन ने सवाल उठाए और पूछा कि अगर पुलिस वहां मौजूद थी तो लोगों के हाथों में अवैध हथियार कहां से आए और अगर वहां हालात बेकाबू हो रहे थे तो पुलिस ने गोलियों के अलावा कोई और तरीका क्यों नहीं अपनाया. समाजवादी पार्टी की ओर से लगाए जा रहे आरोपों का जवाब देने के लिए बीजेपी सरकार के कई सांसद और मंत्री सामने आए.