लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नई आबकारी नीति की घोषणा कर दी है, जिससे शराब कारोबार से जुड़ी कई महत्वपूर्ण व्यवस्थाओं में बदलाव किए गए हैं। वहीं रेस्तरां और कैफे के ओनर्स के लिए ये बदलाव बेहद फायदेमंद साबित हो सकते है. आइए जानते है वो बदलाव क्या है. बता दें, नई नीति के तहत प्रदेश के नोएडा, गाजियाबाद, आगरा और लखनऊ समेत प्रमुख शहरों में अब रेस्तरां और कैफे संचालकों को बीयर और वाइन परोसने के लिए फुल बार लाइसेंस लेने की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है।
इसके बजाय लो एल्कोहल बार श्रेणी में आने वाले इन प्रतिष्ठानों को केवल 4 लाख रुपये की लाइसेंस फीस चुकाकर बीयर और वाइन परोसने की अनुमति मिल जाएगी। पहले इसके लिए 10 से 15 लाख रुपये तक खर्च करने पड़ते थे। आबकारी विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह नीति 1 मार्च 2025 से प्रभावी होगी। जल्द ही इसके विस्तृत दिशा निर्देश भी जारी किए जाएंगे। इस बदलाव को होटल और रेस्तरां कारोबारियों ने सकारात्मक कदम बताया है।
नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष वरुण खेरा ने नई नीति का स्वागत करते हुए कहा कि फुल बार लाइसेंस की ऊंची लागत के कारण छोटे और मध्यम स्तर के रेस्तरां मालिक इससे बचते थे। लेकिन अब बीयर और वाइन सर्व करने की अनुमति मिलने से कारोबार को बढ़ावा मिलेगा। नोएडा के सेक्टर-104 और 132 में अल्मा बेकरी एंड कैफे के संचालक ने कहा कि पहले केवल निजी पार्टियों के लिए भारी भरकम लाइसेंस लेना पड़ता था, लेकिन अब ग्राहकों को रोजाना बीयर और वाइन उपलब्ध करा सकेंगे। इसके अलावा नई नीति में कुछ जिलों में देसी शराब और बीयर की कंपोजिट दुकान खोलने और एक ही लाइसेंस पर दोनों उत्पाद बेचने की सुविधा भी दी गई है। व्यवसायी इस कदम को कारोबार के विस्तार के लिए अहम मान रहे हैं।
ये भी पढ़ें: ‘मम्मी मर गई, पापा ने उल्टा लटका दिया’, मायके से ससुराल लौटी बेटी और हो गया ये कांड