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नेहरू ने अंबेडकर को किया था मजबूर, वो 25 बच्चें पैदा करते रहें और हिंदुओं पर प्रतिबंध – स्वामी रामभद्राचार्य

जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने यूसीसी और अंबेडकर के मुद्दे पर भी अपना बयान दिया। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म के बहुत से लोग इधर-उधर चले गए हैं, उन्हें वापस अपने घर बुलाया जाना चाहिए।

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Swami Rambhadracharya
  • December 26, 2024 4:06 pm Asia/KolkataIST, Updated 13 hours ago

लखनऊ: जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयान पर गहरी नाराजगी जताई है। उन्होंने इसे व्यक्तिगत बयान बताया और कहा कि यह सही नहीं कहा गया। स्वामी रामभद्राचार्य ने मीडिया से बातचीत में कहा कि संघ खुद हिंदुत्व पर आधारित है और जहां भी मंदिर या उनके अवशेष मिलेंगे, उन्हें हिंदुओं को दे दिया जाएगा। हालांकि, जहां अवशेष नहीं हैं, वहां कोई दावा नहीं किया जाएगा।

भटके हिन्दुओं को घर बुलाओं

जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने यूसीसी और अंबेडकर के मुद्दे पर भी अपना बयान दिया। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म के बहुत से लोग इधर-उधर चले गए हैं, उन्हें वापस अपने घर बुलाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस देश को हर हाल में समान नागरिक संहिता की जरूरत है, जो भी नियम बनाए जाएं वो सबके लिए होने चाहिए, चाहे वो हिंदू हो या मुसलमान।

अंबेडकर ने की थी गलती

जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए कि वे (मुस्लिम) 25-25 बच्चें पैदा करते रहें और हिंदुओं पर प्रतिबंध लगाए जाएं। अंबेडकर मुद्दे पर उन्होंने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने खुद उन्हें इस्तीफा दिलवाया था। उन्होंने कहा कि हम अंबेडकर का सम्मान करते हैं, नेहरू ने ही उन्हें परेशान किया था, उन्हें हराया गया। उन्होंने कहा कि अंबेडकर ने मनुस्मृति फाड़कर गलत किया। उसमें ऊंच-नीच का कोई जिक्र नहीं था। उसमें महिलाओं का सम्मान किया गया है।

मुस्लिम कहीं नहीं जाएं

जगद्गुरु रामभद्राचार्य से पूछा गया कि 22 से 25 करोड़ की आबादी वाले मुसलमान कहां जाएं? इस पर उन्होंने कहा, “मुसलमानों को कहीं नहीं जाना चाहिए, उन्हें यहीं रहना चाहिए, लेकिन हमारे अस्तित्व का सम्मान करते हुए रहना चाहिए। मैंने कभी नहीं कहा कि यह देश मुसलमानों का नहीं है। हिंदुओं का अस्तित्व मिटाकर उन्हें रहने नहीं दिया जा सकता।

सामाजिक और राजनीतिक माहौल गर्म

भागवत के बयान पर स्वामी रामभद्राचार्य की प्रतिक्रिया ने इस मुद्दे को और गरमा दिया है। मंदिर-मस्जिद विवाद के कारण उत्तर प्रदेश में सामाजिक और राजनीतिक माहौल पहले से ही तनावपूर्ण है। अब इन बयानों से इस संवेदनशील मुद्दे पर नई बहस छिड़ने की संभावना है। क्योंकि एक तरफ आरएसएस नरम हिंदुत्व की राह पर चलने की बात करता है, वहीं दूसरी तरफ जगद्गुरु रामभद्राचार्य जैसे संतों और गुरुओं को मानने वाले कई लोग हैं।

 

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