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मदरसे के नाम पर सरकारी खजाने से लिए गए पैसे, लेकिन चल रहा कुछ और ही कांड, सुनकर उड़ जाएंगे होश!

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में मदरसा पोर्टल पर ऑनलाइन डेटा एंट्री के दौरान बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। 219 मदरसे केवल कागजों पर मौजूद हैं, जिनका असल में कोई अस्तित्व नहीं है। वहीं जांच में यह भी पाया गया कि मदरसा संचालकों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकारी फंड का फायदा उठाया।

Azamgarh News, Non Existent madrasas
  • March 17, 2025 10:33 am Asia/KolkataIST, Updated 9 hours ago

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में मदरसा पोर्टल पर ऑनलाइन डेटा एंट्री के दौरान बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया कि 219 मदरसे केवल कागजों पर मौजूद हैं, जिनका असल में कोई अस्तित्व नहीं है। वही हैरानी की बात ये है कि इन फर्जी मदरसों के लिए सरकारी खज़ाने से धन राशि भी ली गई. आखिर क्या है पूरा मामला आइए जानते है.

कैसे फूटा भांडा

पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा ने बताया कि आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की जांच के बाद इस धोखाधड़ी का भांडा फूटा। 2017 में शिकायत के बाद एसआईटी जांच शुरू हुई थी, जिसमें 313 मदरसों को मानकों के अनुरूप नहीं पाया गया। गहन जांच के बाद पता चला कि 219 मदरसे पूरी तरह फर्जी है. बता दें इन मामलों में 22 अलग-अलग थानों में एफआईआर दर्ज की गई है।

22 थानों में केस दर्ज

EOW इंस्पेक्टर कुंवर ब्रह्म प्रकाश सिंह की शिकायत पर 6 फरवरी को कंधरापुर थाने में पहली एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद शहर कोतवाली, सिधारी, रानी की सराय, मुबारकपुर और निजामाबाद समेत कुल 22 थानों में केस दर्ज किए गए। जांच में यह भी पाया गया कि मदरसा संचालकों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकारी फंड का फायदा उठाया।

पुलिस अधीक्षक मीणा ने कहा कि इस मामले में आगे की जांच जारी है और जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इन फर्जी मदरसों के नाम पर धन राशि लेने वाले संचालकों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।

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