मौलाना ने दी हिंदुओं को धमकी, धर्मस्थल को बचाने की कोशिश, बाबरी मस्जिद की आ गई याद

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि इतिहास के गड़े मुर्दे उखाड़ने से देश को गंभीर नुकसान हो रहा है. मौलाना मदनी ने कहा कि इतिहास के झूठ और सच को मिलाकर सांप्रदायिक तत्व देश की शांति और व्यवस्था के दुश्मन बन गए हैं। उन्होंने कहा कि पुराने गड़े मुर्दे उखाड़कर देश की धर्मनिरपेक्ष नींव को हिलाया जा रहा है।

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मौलाना ने दी हिंदुओं को धमकी, धर्मस्थल को बचाने की कोशिश, बाबरी मस्जिद की आ गई याद

Zohaib Naseem

  • November 20, 2024 8:27 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 hours ago

लखनऊ: यूपी के संभल में जामा मस्जिद को लेकर विवाद सामने आया है. जहां हिंदू पक्ष ने मस्जिद को श्री हरि हर मंदिर होने का दावा किया है. इस मामले को लेकर हिंदू पक्ष कोर्ट पहुंचा. कोर्ट ने पूरे परिसर के सर्वेक्षण का आदेश दिया और 29 नवंबर तक इस सर्वेक्षण की रिपोर्ट भी मांगी. इसके बाद मंगलवार देर शाम अधिवक्ता आयोग की टीम ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में मस्जिद के अंदर सर्वे किया.

 

गंभीर नुकसान हो रहा

 

अब इस विवाद में जमीयत उलेमा-ए-हिंद भी कूद पड़ी है. वहीं जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि इतिहास के गड़े मुर्दे उखाड़ने से देश को गंभीर नुकसान हो रहा है. मौलाना मदनी ने कहा कि इतिहास के झूठ और सच को मिलाकर सांप्रदायिक तत्व देश की शांति और व्यवस्था के दुश्मन बन गए हैं। उन्होंने कहा कि पुराने गड़े मुर्दे उखाड़कर देश की धर्मनिरपेक्ष नींव को हिलाया जा रहा है। इसके अलावा, ऐतिहासिक संदर्भों को दोबारा बताने के प्रयास किसी भी तरह से राष्ट्रीय अखंडता के लिए अनुकूल नहीं हैं।

 

कानून को जरूरी बताया

 

मौलाना मदनी ने अयोध्या की बाबरी मस्जिद की याद दिलाते हुए कहा कि देश में पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 इसलिए लागू किया गया था ताकि मस्जिद-मंदिर विवादों का केंद्र न बनें. सिविल जज सीनियर डिवीजन में सर्वे कराने के फैसले पर सवाल उठाते हुए मदनी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी श्रीराम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में फैसला सुनाते हुए इस कानून को जरूरी बताया था, लेकिन आज अदालतें इसे नजरअंदाज कर फैसले दे रही हैं. हर गुजरते दिन के साथ कहीं न कहीं मस्जिद विवाद खड़ा किया जा रहा है और फिर ‘सच्चाई जानने’ के नाम पर अदालतों से सर्वे की इजाजत ली जा रही है.

 

जोरदार मांग की

 

मौलाना मदनी ने आगे कहा कि हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन कोर्ट को फैसला लेते समय यह जरूर देखना चाहिए कि इसका देश और समाज पर क्या असर होगा. लाना मदनी ने उलेमा-ए-हिंद की ओर से इस विवाद में संभल की जामा मस्जिद कमेटी को कानूनी सहायता देने की भी जोरदार मांग की है.

 

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