लखनऊ: उत्तर प्रदेश के संभल के जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने सोमवार को चंद्रेश्वर महादेव मंदिर का दौरा किया. इसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बात की और बड़ा खुलासा किया. डीएम के मुताबिक चंद्रेश्वर मंदिर के पास 80 बीघे जमीन थी लेकिन अब मंदिर के पास सिर्फ 19 बीघे जमीन बची है. डीएम राजेंद्र पेंसिया ने कहा, ‘तीर्थस्थल के तीन कोनों पर तीन शिव मंदिर हैं. संभलेश्वर, चंद्रेश्वर और भुमनेश्वर। यह चंद्रेश्वर महादेव मंदिर है, जहां पेड़-पौधे लगाने और चारागाह के लिए जमीन थी और कुल 80 बीघे जमीन मंदिर के नाम पर दर्ज है.
डीएम के मुताबिक, ‘मौजूदा समय में मंदिर के पास केवल 2 हेक्टेयर यानी करीब 25-26 बीघे जमीन बची है और मंदिर का नियंत्रण सिर्फ 19 बीघे तक ही है. आज जाने पर पता चला कि यह मंदिर 5वीं शताब्दी का है। हम संबंधित दस्तावेजों की समीक्षा करेंगे और आवश्यक कार्रवाई करेंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि आज जब हम आये तो पता चला कि यह पांचवीं शताब्दी में बना मंदिर है और एएसआई संरक्षित है. फिलहाल इस पूरे मामले की जांच की जाएगी क्योंकि अभी तक जो जानकारी मिली है कि इस जमीन पर पट्टे काटे गए हैं जो मूल रूप से चारागाह की जमीन है.
अब हम 1952 के पुराने रिकॉर्ड देखेंगे। 41-45 की चकबंदी के बाद उससे जुड़े नए खाता नंबर को देखेंगे और उसके बाद जो भी होगा हम उस पर कार्रवाई करेंगे। आपको बता दें कि संभल में शाही जामा मस्जिद का सर्वे पिछले साल नवंबर 2024 में किया गया था. इसके बाद हिंसा भड़क गई जिसमें पांच युवकों की मौत हो गई. हिंसा के बाद इलाके में बिजली चोरी के मामलों की जांच के लिए टीमें तैनात की गईं, जिसमें 46 साल बाद कार्तिकेय महादेव मंदिर के बारे में जानकारी मिली. इसके बाद से एएसआई और यूपी पुरातत्व विभाग की टीमों ने जिले में सर्वे भी किया।
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