बिहार/यूपी : उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सभी को हैरत में डाल दिया. यहां एक शख्स का सबसे करीबी दोस्त उसकी पत्नी को लेकर फरार हो गया. पीड़ित मंगल यादव जो मूल रूप से बिहार के बक्सर का रहने वाला है. उसने इस घटना पर चौंकाने वाली बात कही. उसका कहना है कि पत्नी का भाग जाना उसके लिए राहत की बात है वरना उसका भी बुरा हाल हो सकता था.
दोस्ती से धोखे तक का सफर
मंगल यादव मध्य प्रदेश के इंदौर में नौकरी करता था. जहां उसकी मुलाकात गाजीपुर के अजय यादव से हुई. दोनों की दोस्ती धीरे-धीरे इतनी गहरी हो गई कि अजय, मंगल के घर आने-जाने लगा. इसी दौरान मंगल को सीता नाम की एक लड़की से प्यार हो गया और लगभग ढाई साल पहले दोनों ने शादी कर ली. शादी के बाद भी अजय का मंगल के घर आना-जाना जारी रहा. लेकिन मंगल को इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि उसका दोस्त और उसकी पत्नी के बीच नजदीकियां बढ़ रही हैं. आखिरकार अजय ने सीता को बहला-फुसलाकर अपने साथ भगा लिया.
पत्नी को लेने पहुंचा, मगर मिला इनकार
अपनी पत्नी को ढूंढते हुए मंगल गाजीपुर के मरदह भवानीपुर पहुंचा. जहां अजय का घर था. वहां उसने अपनी पत्नी सीता को देखा लेकिन जब उसने उसे वापस ले जाने की कोशिश की, तो सीता ने साफ मना कर दिया. मंगल का कहना है कि अजय ने धीरे-धीरे उसकी पत्नी को अपने जाल में फंसाया और उसे लेकर फरार हो गया. इस धोखे ने मंगल को तोड़ दिया, लेकिन उसकी प्रतिक्रिया ने सबको हैरान कर दिया.
‘अच्छा हुआ, वरना मैं ड्रम में मिलता’
सीता के इनकार के बाद मंगल ने कहा, ‘अच्छा हुआ मेरी पत्नी पहले ही भाग गई. अगर वह समय रहते नहीं भागती तो शायद मेरी लाश भी किसी ड्रम में मिलती.’ मंगल के इस बयान ने हाल के मेरठ हत्याकांड की याद ताजा कर दी जहां एक पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या कर शव को ड्रम में छिपाया था. मंगल का मानना है कि उसकी पत्नी का चरित्र भी कुछ ऐसा ही हो सकता था. उसने बताया कि सीता छह महीने की गर्भवती है और ढाई साल पहले प्यार के लिए अपने घर को छोड़कर उसके साथ नई जिंदगी शुरू की थी. लेकिन अब वही सीता अपने दोस्त अजय के साथ चली गई.
गाजीपुर का यह मामला न सिर्फ चौंकाने वाला है बल्कि मंगल की सोच ने इसे और भी चर्चा में ला दिया. उसका मानना है कि पत्नी का भाग जाना एक तरह से उसके लिए वरदान साबित हुआ. अब वह अकेले अपनी जिंदगी को नए सिरे से शुरू करने की सोच रहा है जिसमें न धोखा हो और न ही डर.
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