आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा ऐलान किया। उन्होंने दिल्ली में पुजारी- ग्रंथी योजना लागू करने की बात कही है। केजरीवाल ने दिल्ली में पुजारियों हर महीने 18000 रुपए देने का वादा किया है।
नई दिल्ली। दिल्ली में पुजारियों को वेतन दिए जाने के आम आदमी पार्टी के ऐलान पर सियासत तेज है। इस बीच बीजेपी सासंद बांसुरी स्वराज ने इस योजना को छलावा बताया है। वहीं अब AAP ने पलटवार करते हुए बांसुरी को चैलेंज दिया है।
आम आदमी पार्टी की नेता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि मैं बांसुरी स्वराज जी का दर्द समझ रही हूं। अभी उन्होंने हरियाणा में इमामों के वेतन 16,000 हजार कर दिए। मेरी उनसे गुजारिश है कि जैसे दिल्ली में अरविंद केजरीवाल जी ने मंदिर के पुजारियों और ग्रंथियों के लिए एक सम्मान राशि की घोषणा की है वे भी अपने 20 राज्यों में कहीं भी ये कर दें।
दिल्ली में पुजारियों और ग्रंथियों को वेतन देने के आम आदमी पार्टी के ऐलान पर बीजेपी भड़क गई। बीजेपी नेता और नई दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद सुषमा स्वराज ने मंगलवार को AAP को जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि चुनावी जुमलों के बारे में तो हमने खूब सुना है लेकिन अरविंद केजरीवाल अब नई हवा लेकर आए हैं, जिसका नाम है चुनावी छलावा।
बांसुरी ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने अभी तक इमामों और मौलवियों की समस्याओं को हल नहीं किया है, इस बीच वो नई तरह की तुष्टिकरण वाली राजनीति लेकर आ गए हैं। बीजेपी सांसद ने कहा कि आम आदमी पार्टी का यह ऐलान सिर्फ व सिर्फ चुनावी छलावा है और कुछ नहीं। केजरीवाल के किसी भी ऐलान पर अब दिल्ली की जनता को भरोसा नहीं है।
बता दें कि इससे पहले आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा ऐलान किया। उन्होंने दिल्ली में पुजारी- ग्रंथी योजना लागू करने की बात कही है। केजरीवाल ने दिल्ली में पुजारियों हर महीने 18000 रुपए देने का वादा किया है।
केजरीवाल ने कहा कि आज मैं एक योजना के संबंध में महत्वपूर्ण घोषणा कर रहा हूं। योजना का नाम पूजारी- ग्र्ंथी योजना है। इसके तहत मंदिरों के पुजारियों और गुरूद्वारा के ग्रंथियों को मानदेय देने का प्रावधान है। उन्हें लगभग 18000 रुपए प्रति माह दिया जाएगा। यह देश में पहली बार हो रहा है। पुजारी एक ऐसा वर्ग है, जिसने पीढ़ी दर पीढ़ी संस्कारों को आगे बढ़ाया है। उन्होंने कभी अपने परिवार पर ध्यान नहीं दिया और हमने कभी उन पर ध्यान नहीं दिया।