उत्तर प्रदेश के संभल के नखासा थाना क्षेत्र की रायसत्ती पुलिस चौकी पर हिरासत में लिए गए इरफान नाम के शख्स की मौत हो गई. इसके बाद गुस्साए परिजनों ने पुलिस चौकी में जमकर हंगामा किया. सैकड़ों लोगों ने पुलिस चौकी को घेर लिया. शख्स की मौत के बाद परिवार ने पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के संभल के नखासा थाना क्षेत्र की रायसत्ती पुलिस चौकी पर हिरासत में लिए गए इरफान नाम के शख्स की मौत हो गई. इसके बाद गुस्साए परिजनों ने पुलिस चौकी में जमकर हंगामा किया. सैकड़ों लोगों ने पुलिस चौकी को घेर लिया. शख्स की मौत के बाद परिवार ने पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है. मामला बिगड़ता देख दो थाने की पुलिस मौके पर पहुंची. अधिकारियों ने आक्रोशित लोगों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराया, फिर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया.
घटना के बाद एसपी संभल मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया. एसपी संभल ने प्रताड़ना के आरोपों को सिरे से खारिज किया है. संभल के नखासा थाना क्षेत्र के परीवाला मंदिर के पास रहने वाले इरफान को पुलिस पैसों के लेनदेन के मामले में पूछताछ के लिए अपने साथ लाई थी। इसी दौरान इरफान की तबीयत खराब हो गई. कुछ समय बाद उनकी मृत्यु हो गई। सूचना मिलने पर वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई। सैकड़ों लोग जमा हो गए. लोग हंगामा करने लगे. इस दौरान पुलिस के हाथ-पांव फूल गए.
नखासा और असमोली थाना प्रभारी के अलावा असमोली सीओ कुलदीप सिंह और एएसपी श्रीश चंद्र मौके पर पहुंचे। किसी तरह लोगों को समझाया गया। भीड़ बढ़ती देख आरएएफ और आरआरएफ को भी बुला लिया गया. इधर परिजनों का आरोप है कि पुलिस प्रताड़ना के कारण इरफान की मौत हुई है. नखासा और असमोली थाना प्रभारी के अलावा असमोली सीओ कुलदीप सिंह और एएसपी श्रीश चंद्र मौके पर पहुंचे। किसी तरह लोगों को समझाया गया। भीड़ बढ़ती देख आरएएफ और आरआरएफ को भी बुला लिया गया. इधर परिजनों का आरोप है कि पुलिस प्रताड़ना के कारण इरफान की मौत हुई है.
इस मामले में मृतक की पत्नी रेशमा ने बताया कि 5 पुलिसकर्मी आये और उसके पति को गिरफ्तार कर लिया. उनके पति बीमार थे, उनका मुरादाबाद में नाक की हड्डी का ऑपरेशन हुआ था। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें दवा भी नहीं लेने दी बल्कि पकड़कर अपने साथ ले आई। रेशमा ने बताया कि उसके 5 बच्चे हैं. अब तो सब अनाथ हो गये। उनकी शादी को 22 साल हो गए थे. उसकी मौसी को कुछ दिक्कत थी। उन्होंने उसे घर का मुखिया बना दिया और उससे धन प्राप्त कर लिया। उनके बेटे ने बेईमानी की. अब पुलिस आई और कहने लगी कि पैसे तो तुम्हें ही मिले हैं. आप इसे वापस ले लीजिए. मृतक के बेटे अफरान रजा ने बताया कि ये लोग उसके पिता को जबरदस्ती घर से ले आये थे. मुझे दवा भी नहीं लेने दी.
इस पूरे मामले में संभल के एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि आज सुबह 11.30 बजे शफीक बेगम नाम की महिला ने नखासा थाने की रायसत्ती पुलिस चौकी पर एक प्रार्थना पत्र दिया. जिसमें उन्होंने बताया कि उनका बेटा अरकान उनके साथ मारपीट करता है. मकान के हिस्से के छह लाख रुपये इरफान के माध्यम से उसे दिए गए थे। अब वह न तो पैसे लौटा रहा है और न ही घर छोड़ रहा है।
शफीक बेगम के तीन बच्चे हैं। परेशान होकर उसने प्रार्थना पत्र दिया जिस पर महिला के आरोपों के चलते जांच के लिए लेपर्ड को मौके पर भेजा गया। इरफान को पुलिस रायसत्ती चौकी ले आई, जिसके बाद इरफान ने बताया कि उसे दवा लेनी है. पुलिस ने उसे खाने के लिए दवा दी थी. जब उन्होंने दोबारा सीने में दर्द की शिकायत की तो उन्हें और उनके बेटे को चौकी से अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई. एसपी ने बताया कि संभवत: हृदय गति रुकने से उनकी मौत हुई है.
पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। पोस्टमार्टम के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट हो सकेगा, लेकिन प्रथम दृष्टया हृदय गति रुकने से मौत हुई है। यह आरोप पूरी तरह से निराधार है कि पुलिस ने उन्हें दवा नहीं लेने दी. चौकी पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। पिता-पुत्र यहां कुछ मिनट रुके। चौकी प्रभारी द्वारा स्वयं उसे दवा दी गई। मौके पर शांति है और कानून-व्यवस्था ठीक है.
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