उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित उदय प्रताप कॉलेज में पिछले कुछ दिनों से जमकर हंगामा हो रहा है. कॉलेज में ये हंगामा मजार, मस्जिद और हनुमान चालीसा को लेकर हुआ. दरअसल, 2018 का एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें लिखा था कि यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने कॉलेज के अंदर बनी मस्जिद पर दावा किया है. ये दावा सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने 6 साल पहले किया था, लेकिन इस पर बवाल आज शुरू हुआ.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित उदय प्रताप कॉलेज में पिछले कुछ दिनों से जमकर हंगामा हो रहा है. कॉलेज में ये हंगामा मजार, मस्जिद और हनुमान चालीसा को लेकर हुआ. दरअसल, 2018 का एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें लिखा था कि यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने कॉलेज के अंदर बनी मस्जिद पर दावा किया है. ये दावा सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने 6 साल पहले किया था, लेकिन इस पर बवाल आज शुरू हुआ.
यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने 25 नवंबर 2018 को कॉलेज के 115वें स्थापना दिवस पर कॉलेज को पत्र लिखा था और दावा किया था कि कॉलेज के अंदर बनी मस्जिद वक्फ बोर्ड की है. साथ ही उनसे कॉलेज की जमीन के बारे में भी जानकारी मांगी गयी. जिसका जवाब देते हुए कॉलेज ने कहा कि यूपी कॉलेज की स्थापना वर्ष 1909 में हुई थी और यह जमीन एंडोमेंट ट्रस्ट की है.
जिसके मुताबिक, अगर कॉलेज की जमीन चैरिटेबल एंडोमेंट एक्ट के तहत आती है तो उस पर किसी और का मालिकाना हक नहीं हो सकता. इसलिए यह जमीन वक्फ बोर्ड की कैसे हो सकती है? इस जवाब के बाद वक्फ बोर्ड ने भी इसे स्वीकार कर लिया और 18 जनवरी 2021 को इस दावे को खारिज कर दिया गया.
वक्फ बोर्ड के सवालों के निपटारे के बाद उनकी ओर से लिखा गया पत्र सामने आने से यह मुद्दा एक बार फिर उठा. जिसके बाद हिंदू स्टूडेंट यूनियन की ओर से कॉलेज में हंगामा शुरू हो गया. वहीं, छात्रों ने इसका विरोध करते हुए कॉलेज परिसर में हनुमान चालीसा का पाठ किया. जिसके बाद प्रशासन की ओर से कार्रवाई की गई और सात छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. जिसके विरोध में छात्रों ने प्रदर्शन किया. उनका आरोप है कि कॉलेज के अंदर नमाज पढ़ने पर मुस्लिम छात्रों पर कोई कार्रवाई नहीं होती, फिर हनुमान चालीसा पढ़ने पर कार्रवाई क्यों की गई?
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