यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर हुए उप चुनाव में भाजपा को बढ़त दिख रही है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव जिस तरह से गुस्से में दिख रहे हैं उससे लग रहा है कि लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को जो सफलता मिली थी वह रिपीट होती हुई नहीं दिख रही है.
लखनऊ. महाराष्ट्र और झारखंड का विधानसभा चुनाव संपन्न हो गया और इन राज्यों के लिए एक्जिट पोल भी आ गया जिसमें एनडीए की बढ़त बताई जा रही है लेकिन यूपी की 9 सीटों के लिए हुए उप चुनाव कम महत्वपूर्ण नहीं है. अखिलेश यादव भारी गुस्से में हैं और अफसरों से लेकर सत्ताधारी दल को धमकाने में लगे हुए हैं. एक्जिट पोल में भी भाजपा की भारी बढ़त बताई जा रही है उससे पता चल रहा है कि अखिलेश को गुस्सा क्यों आ रहा है.
Materize के एग्जिट पोल के मुताबिक 9 में से बीजेपी को सात सीटें मिल सकती है. समाजवादी पार्टी को दो सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है. दूसरा एक्जिट पोल JVC टाइम नाउ ने किया है जिसमें भाजपा को 6 और सपा की झोली में 3 सीटें जाती हुई दिख रही है. जबकि जी न्यूज ने 5 सीटें भाजपा और 4 सीटें सपा को दी है.
मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट से रालोद के चंदन चौहान एमएलए बने थे लेकिन लोकसभा चुनाव में वह बिजनौर से एमपी चुन लिये गये. मुरादाबाद की कुंदरकी सीट से सपा के जियाउर्रहमान बर्क विधायक चुने गये थे. 2024 के चुनाव में वह लोकसभा के लिए चुन लिये गये. गाजियाबाद में भी यही हुआ, गाजियाबाद सदर के भाजपा विधायक अतुल गर्ग वहीं से सांसद चुन लिये गये लिहाजा यह सीट खाली हो गई. अलीगढ़ की खैर सीट पर भाजपा के अनूप प्रधान चुने गये, बाद में वह हाथरस से लोकसभा सदस्य बन गये.
करहल से सपा प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री एमएलए बने थे, इस साल हुए लोकसभा चुनाव में वह कन्नौज से से सांसद चुन लिये गये लिहाजा यह सीट खाली हो गई. प्रयागराज की फूलपुर सीट से भाजपा के प्रवीण पटेल ने जीत हासिल की थी, वह भी लोकसभा चुनाव लड़े और जीत गये. कटेहरी से सपा के लाल जी वर्मा विधायक चुने गये थे, बाद में वह सांसद बने. मझवां से भाजपा के सहयोगी दल निषाद पार्टी के टिकट पर डॉ. विनोद कुमार बिंद जीते थे, बाद में लोकसभा चुनाव लड़े और जीते. कानपुर की सीसामऊ से विधानसभा के चुनाव में सपा के इरफान सोलंकी जीते लेकिन उन्हें सजा सुनाई गई और जेल चले गये इसलिए यह सीट खाली हुई थी.