लखनऊ में आयोजित शौर्य सम्मान समारोह में यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि यूपी का लॉ एंड आर्डर इस समय टॉप गियर में है. इसको ठीक करने की शुरुआत उनके दादा कल्याण सिंह ने की थी.
नई दिल्ली: लखनऊ में आयोजित ‘शौर्य सम्मान कार्यक्रम’ में यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने हिस्सा लिया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यूपी के लॉ एंड ऑर्डर में सुधार की शुरुआत उनके दादा कल्याण सिंह की सरकार में हुई थी। 1991 में उनकी सरकार बनने के बाद लॉ एंड आर्डर की अवधारणा को पूरी तरह से नए दृष्टिकोण से लागू किया गया. आज उसे सख्ती से लागू किया जा रहा है जिसकी वजह से अपराधी पानी मांग रहे हैं.
संदीप सिंह ने सबसे पहले उन वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने अपनी जान की आहुति देकर देश की सेवा की। उन्होंने कहा कि ‘देश के लिए अपनी जान देने वाले सिपाही असली हीरो होते हैं। क्योंकि जो कुछ भी फिल्मों में दिखाया जाता है, वह पहले से तय होता है लेकिन इन वीर सिपाहियों की जिंदगी में कोई स्क्रिप्ट नहीं होती। इनकी जिंदगी हर पल चुनौतियों से भरी होती है और इन्हें निर्णय लेने के लिए सिर्फ एक पल का समय मिलता है। इनका बलिदान और साहस हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। इन्हें और इनके परिवार को सम्मान मिलना चाहिए।
लॉ एंड आर्डर पर बात करते हुए संदीप सिंह ने कहा कि इसके सुधार की शुरुआत उनके दादा कल्याण सिंह की सरकार में हुई थी। 1991 में उनकी सरकार बनने के बाद उत्तर प्रदेश में लॉ एंड आर्डर की अवधारणा को पूरी तरह से नए दृष्टिकोण से लागू किया गया। आतंकवादियों, नक्सलियों और घुसपैठियों के खिलाफ मुहतोड़ जवाब देने की नीति पहली बार उनके कार्यकाल में प्रभावी हुई। उन्होंने यह भी कहा कि सुशासन और शासन की शक्तियों का असली अर्थ प्रदेश की जनता ने उनके समय में ही समझा।
हिंदुत्व पर चर्चा करते हुए संदीप सिंह ने कहा कि भारत की प्राचीन सभ्यता पर हमें गर्व होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान समय में हिंदू धर्म और हिंदुत्व की विचारधारा को प्रोत्साहित करना जरूरी है। पीएम मोदी और सीएम योगी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी इस विचारधारा को बढ़ावा देने में सफल रही है।
महाकुंभ के बारे में संदीप सिंह ने कहा कि योगी सरकार के कार्यकाल में होने वाला ये महाकुम्भ ऐतिहासिक होगा। प्रधानमंत्री मोदी के डिजिटल विजन के अनुरूप इस कुम्भ में सुरक्षा के लिए AI तकनीक का व्यापक इस्तेमाल किया जा रहा है। साथ ही, ‘दिव्य कुम्भ योजना’ के तहत शिक्षा के क्षेत्र में भी कई प्रयास किए गए हैं और हर एक व्यक्ति की छोटी से छोटी जरूरत को पूरा करने के लिए हर संभव व्यवस्थाएं की गई हैं।
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