नई दिल्ली: यूएई की अबूधाबी जेल में बंद यूपी के बांदा की रहने वाली दिव्यांग शहजादी को 21 सितंबर को फांसी दी जाएगी। यूएई की कोर्ट ने शहजादी को फांसी देने की तारीख 21 सितंबर तय की है। यह खबर मिलते ही बांदा जिले की शहजादी के घर में कोहराम मच गया, फांसी की सजा सुनते ही शहजादी के बूढ़े माता-पिता ने रोते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बेटी को बचाने की गुहार लगाई है।
बता दें कि बांदा के मटौंध थाना क्षेत्र के गोयरा मुगली गांव की रहने वाली शहजादी सामाजिक संस्था रोटी बैंक में काम करती थी। फेसबुक के जरिए उसकी दोस्ती आगरा के रहने वाले उजैर से हुई। वह उजैर के प्रेम जाल में फंसती चली गई। उसे नहीं पता था कि उजैर तस्करी में शामिल है। शहजादी का चेहरा जला हुआ था और उजैर ने उसे इलाज के लिए आगरा बुलाया था। वहां से उसने शहजादी को इलाज कराने के नाम पर दुबई में आगरा के रहने वाले और वर्तमान में दुबई में रहने वाले दंपत्ति फैज और नादिया के पास भेज दिया। वहां शहजादी को फैज और नादिया के घर में नौकरानी का काम करना पड़ा।
फैज और उसकी पत्नी नादिया शहजादी को प्रताड़ित करते थे। इसी बीच फैज के 4 वर्षीय बेटे की बीमारी के दौरान मौत हो गई, जिसके लिए फैज और नादिया ने शहजादी को जिम्मेदार ठहराया, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। जेल में बंद शहजादी को चार महीने पहले दुबई की एक अदालत ने फैज और नादिया के बच्चे की हत्या के आरोप में फांसी की सजा सुनाई थी। शहजादी के परिवार ने उसकी सजा को लेकर बांदा सीजेएम कोर्ट में परिवाद दायर किया है। कोर्ट के आदेश पर आरोपी उजैर और दुबई में रहने वाले दंपत्ति के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया है।
शहजादी के परिवार के मुताबिक, शहजादी को अबू धाबी जेल में अपने परिवार से बात करने की इजाजत मिल गई है। शहजादी ने अपने पिता को फोन कर बताया कि कोर्ट के आदेश में शहजादी को इसी माह 21 सितंबर को फांसी की सजा देने का समय तय किया गया है। पीड़िता शहजादी ने अपने पिता से फोन पर बात करते हुए समाजसेवियों और राजनीतिक दलों से मदद मांगने की बात कही है और कहा है कि वह अबूधाबी जेल से रिहा होने के बाद अपने साथ हुई ज्यादतियों को सबके सामने लाना चाहती है।
दरअसल, आगरा निवासी उजैर ने फेसबुक के जरिए पहले शहजादी को अपने प्रेम जाल में फंसाया और फिर विदेश में इलाज कराने के नाम पर उसके जेवर, दिव्यांग कार्ड, एटीएम कार्ड, बैंक में जमा सारे पैसे अपने कब्जे में ले लिए। इसके बाद उसे दुबई में रहने वाले दंपत्ति फैज और नादिया को बेच दिया। फैज और नादिया के बेटे की परवरिश की जिम्मेदारी शहजादी को दी गई। वह घरेलू नौकरानी का काम भी करती थी। एक दिन बच्चे की तबीयत खराब हो गई और उसकी मौत हो गई, जिसके लिए फैज और नादिया ने शहजादी पर हत्या का आरोप लगाया। इस घटना के बाद दुबई की कोर्ट ने शहजादी को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई।
शहजादी के परिजनों की प्रार्थना पर बांदा सीजेएम भगवान दास गुप्ता ने आरोपी उजैर और दंपत्ति फैज व नादिया के खिलाफ मानव तस्करी धोखाधड़ी की गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। आगरा निवासी आरोपी उजैर और दुबई में रहने वाले इस दंपत्ति की गिरफ्तारी के भी आदेश दिए गए हैं। पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए भी प्रयास कर रही है, लेकिन दूसरी ओर शहजादी के परिजनों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं, क्योंकि फांसी का समय तय हो चुका है।
यह भी पढ़ें :-