लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के कोंच में एक पागल कुत्ते के काटने से ढाई वर्षीय बच्ची में कुत्ते जैसे लक्षण आ गए. वहीं इलाज के दौरान झांसी में बच्ची की मौत हो गई, लेकिन मरने से पहले ढाई वर्षीय बच्ची ने गांव के 50 लोगों को काटा है, जो एंटी रैबीज के इंजेक्शन […]
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के कोंच में एक पागल कुत्ते के काटने से ढाई वर्षीय बच्ची में कुत्ते जैसे लक्षण आ गए. वहीं इलाज के दौरान झांसी में बच्ची की मौत हो गई, लेकिन मरने से पहले ढाई वर्षीय बच्ची ने गांव के 50 लोगों को काटा है, जो एंटी रैबीज के इंजेक्शन लगवा रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मामला तहसील कोंच के क्योलारी गांव के रहने वाले गोलू कुशवाहा की ढाई वर्षीय बेटी काव्या चार दिन पहले अपने मामा के घर (हिड़ोखरा गांव) गई थी। यहां खेलने के दौरान एक पागल कुत्ते ने काव्या को काट लिया। इसके बाद वर्षीय बेटी काव्या अपने घर क्योलारी आ गई, लेकिन एक दिन बाद से ही काव्या में कुत्ते जैसे लक्षण उभरने लगे. इसके बाद काव्या ने गांव के पप्पू, भूरी, सुनील, फूलसिंह, आकाश समेत करीब 50 लोगों को काट लिया।
इसके बाद इलाज के लिए काव्या को उरई ले गए, जहां से उसे झांसी के लिए रेफर कर दिया गया. इसके बाद मेडिकल कॉलेज पहुंचते ही काव्या की मौत हो गई. इस बात की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों में दहशत फैल गई। वहीं जिन लोगों को बच्ची ने काटा है अब वह एंटी रैबीज के इंजेक्शन लगवा रहे हैं। बताया जा रहा है कि बच्ची को काटने के बाद पागल कुत्ते की भी मौत हो चुकी है।
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