Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश की रहस्यमयी जगह जहां नदी में पत्ते डूबते हैं, तैरते हैं फल, जानें कहां है मौजूद

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले की गंगा गोमती पर एक स्थल ऐसा है, जहां भक्त गहरे पानी में भोलेनाथ का प्रसाद (बेलपत्र) चढ़ाते हैं, यदि वह पानी में डूब गया तो भक्त मानते हैं कि भोलेनाथ ने मेरी प्रार्थना सुन ली और प्रसाद स्वीकार कर लिया. प्रसाद के लिए प्रार्थना करने पर वह पानी […]

Advertisement
Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश की रहस्यमयी जगह जहां नदी में पत्ते डूबते हैं, तैरते हैं फल, जानें कहां है मौजूद

Deonandan Mandal

  • December 30, 2023 9:47 am Asia/KolkataIST, Updated 11 months ago

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले की गंगा गोमती पर एक स्थल ऐसा है, जहां भक्त गहरे पानी में भोलेनाथ का प्रसाद (बेलपत्र) चढ़ाते हैं, यदि वह पानी में डूब गया तो भक्त मानते हैं कि भोलेनाथ ने मेरी प्रार्थना सुन ली और प्रसाद स्वीकार कर लिया. प्रसाद के लिए प्रार्थना करने पर वह पानी से बाहर निकल भी आता है. इस स्थल को रुद्रावर्त तीर्थ के रूप में जाना जाता है जिसका उल्लेख पुराणों में किया गया हैं. वहीं रुद्रावर्त तीर्थ में हजारों भक्तों का आना जाना लगा रहता है. यह पवित्र शिव मंदिर जो गंगा गोमती में स्थित है और यह पूरे भारत में प्रसिद्ध है, यहां के चमत्कारों को जानने के लिए कई वैज्ञानिक आए, लेकिन शिव मंदिर के चमत्कारों को देखकर वह आस्था के आगे नतमस्तक हो गए।

शिव महापुराण में नैमिष भूमि को भोलेनाथ का अत्यंत प्रिय स्थान बताया गया है. इसको लेकर महंत विनोद दास कहते हैं कि यह भूमि महापापों का नाश करने वाली बताया गया है, इसी वजह से नैमिषारण्य भूमि में भोलेनाथ के अनेक दर्शनीय एवं पौराणिक रमणीक स्थान चमत्कारों से भरपूर हैं. आज के युग में भोलेनाथ का यह स्थान अकल्पनीय एवं तर्क से परे है जो कि विज्ञान की कल्पनाओं से परे होकर आस्था को एक अलग रूप में दर्शाता है।

पानी में सिर्फ बेलपत्र डूबता है, अन्य पत्ते नहीं

महंत विनोद दास कहते हैं कि गंगा गोमती के जल में लिंग रूप में विराजित हैं, जिसका जीता जागता यहां पर प्रमाण है. एक तरफ जहां विज्ञान कहता है कि पानी में कोई भी पत्ता या दूध नहीं डूब सकता. लेकिन यहां सच्चे मन से प्रार्थना करने पर बेल पत्री छोड़ने से वह सीधे पानी में चली जाती है. वहीं अन्य पेड़ों के पत्ते पानी में ही तैरते रहते हैं, यहां एक और भी बात है कि यदि बहते जल में दूध छोड़ा जाए तो वह बह जाता है, लोकिन सच्चे मन से प्रार्थना करने पर दूध जल में प्रवाहित करने पर दूध सीधा नदी के जल में जाता हुआ दिखाई पड़ता है।

यह भी पढ़े : 

The Kerala Story: अदा शर्मा ने केरला स्टोरी के आलोचकों को दिया करारा जवाब, कही ये बात

सेना की महिला अधिकारी अब चलाएगीं तोप और रॉकेट,आर्टिलरी रेजीमेंट में पहले बैच को मिला कमीशन

Advertisement