देवरियाः यूपी के देवरिया बाल संरक्षण गृह का लाइंसेंस रद्द होने के बाद भी यहां लड़कियां भेजी जाती रहीं और ये काम किसी और ने नहीं बल्कि पुलिस ने किया. मां विंध्यवासिनी बालिका संरक्षण गृह के बैन होने के बाद भी गृह चलाने वाले दबंग इसमें बच्चियों और लड़कियों का यौन शोषण करवाते रहे. इस केस में एक और हैरान करने वाली बात सामने आई है कि शेल्टर होम का लाइसेंस कैंसल होने के बाद भी पुलिस-प्रसाशन इस संस्था में बच्चियों औऱ लड़कियों को भेजता रहा. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पुलिस ने लाइसेंस रद्द होने के बाद यहां 235 बच्चियों को भेजा.
वहीं मामले की दूसरी आरोपी यानी गिरिजा त्रिपाठी की बेटी कंचनलता त्रिपाठी को पुलिस ने हिरासत में तो लिया लेकिन उसकी गिरफ्तारी नहीं दिखाई. मामले की जांच कर रहे अधिकारियों का कहना है कि सभी बच्चियों के 161 के तहत बयान दर्ज किए जा रहे हैं. वहीं शेल्टर होम से गायब 18 बच्चियों का अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया है. जबकि बच्चियों की मेडिलक रिपोर्ट को लेकर अधिकारियों ने चुप्पी साधी हुई है.
वहीं इस मामले पर राजनीतिक बयाबवाजी भी तेजी से बढ़ रही है. राज्य मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने इस मामले का आरोप पिछली यानी सपा सरकार के मत्थे मढ़ते हुए कहा कि जिनकी सरकार में अवैध शेल्टर होम बढ़े वही बयानवाजी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस केस भी जो भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा.
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