लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लखनऊ ट्रामा के बाहर एंबुलेंस में महिला मरीज 3 घंटों तक वेंटिलेटर मिलने का इंतजार करती रही लेकिन अंत में सांसों ने उसका साथ देना छोड़ दिया और उसकी मौके पर मौत हो गई. बताया जा रहा है कि निजी हॉस्पिटल से गंभीर हालत में वेंटिलेटर की आवश्यकता बता कर ट्रामा […]
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लखनऊ ट्रामा के बाहर एंबुलेंस में महिला मरीज 3 घंटों तक वेंटिलेटर मिलने का इंतजार करती रही लेकिन अंत में सांसों ने उसका साथ देना छोड़ दिया और उसकी मौके पर मौत हो गई. बताया जा रहा है कि निजी हॉस्पिटल से गंभीर हालत में वेंटिलेटर की आवश्यकता बता कर ट्रामा सेंटर भेजी गई, लेकिन तीन घंटे तक महिला मरीज को वेंटिलेटर नहीं मिला। इसके बाद वेंटिलेटर के लिए मरीज को एंबुलेंस के जरिए बलरामपुर हॉस्पिटल भेज दिया गया, लेकिन यहां पहुंचने से पहले ही मरीज की मौत हो गई।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक देवरिया की रहने वाली सुनैना देवी (60) को ब्रेन हेमरेज होने के बाद आइटी कालेज के पास एएस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, लेकिन यहां पर सुनैना देवी की हालत गंभीर होती गई. इसके बाद हॉस्पिटल से वेंटिलेटर की आवश्यकता बताकर एंबुलेंस के माध्यम से ट्रामा सेंटर भेजा गया, लेकिन यहां पर वेंटिलेटर के लिए परिवारजन चक्कर लगाते रहे. तीन घंटे बाद जब वेंटिलेटर नहीं मिला तो ट्रामा के डाक्टरों ने सुनैना देवी को बलरामपुर हॉस्पिटल ले जाने को कहा, इसके बाद परिवार के लोग मरीज को लेकर बलरामपुर हॉस्पिटल पहुंचे और इसके बाद डाक्टरों ने जांच किया तो पता चला कि आने से पहले ही इसकी मौत हो चुकी है।
इस संबंध में केजीएमयू प्रवक्ता डा. सुधीर सिंह ने बताया कि रेफर होकर आ रहे गंभीर मरीजों को उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है लेकिन ट्रामा सेंटर में वेंटिलेटर सीमित हैं और इसके बावजूद भी हम हर संभव प्रयास करते हैं।