लखनऊः Ayodhya Ram Mandir: राम मंदिर मुद्दे पर देश में सियासत जारी है. एक ओर जहां संत समाज अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए हुक्मरानों से मिल रहा है, मंदिर निर्माण में हो रही देरी पर उनसे अपनी नाराजगी जाहिर कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर योगी सरकार के मंत्री राम मंदिर बनाने को लेकर पार्टी के पास अध्यादेश का विकल्प होने की भी बात कर रहे हैं. जी हां, हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की. ‘इंडिया न्यूज’ के वरिष्ठ संवाददाता यतेंद्र शर्मा ने श्रीकांत शर्मा से कई मुद्दों पर एक्सक्लूसिव बातचीत की.
‘इंडिया न्यूज’ को दिए इंटरव्यू में श्रीकांत शर्मा ने राम मंदिर बनाने को लेकर तीन विकल्पों का जिक्र करते हुए कई मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी. नीचे पढ़ें और देखें, श्रीकांत शर्मा का एक्सक्लूसिव इंटरव्यूः
इंडिया न्यूज- चुनाव आ गए हैं, एक बार फिर से राम मंदिर मुद्दा उठ रहा है. पार्टी का स्टैंड वही रहेगा, कानून के साथ, अदालत जो भी फैसला देगी या फिर जनता की भावनाओं को आप समझेंगे?
श्रीकांत शर्मा- जैसा कि सब जानते हैं कि 500 साल पहले विदेशी यहां आए और उन्होंने हमारे पवित्र स्थानों को नष्ट करने का प्रयास किया, हमारी संस्कृति को तहस-नहस करने का प्रयास किया. मामला लंबे समय से कोर्ट में पेंडिंग है. लोकतंत्र में सबको अपनी बात कहने का अधिकार है. अगर किसी ने कहा कि आप इस पर अध्यादेश लेकर आइए तो उनको अधिकार है अपनी बात कहने का. आप किसी को रोक नहीं सकते. निश्चित रूप से उन्होंने जो कहा है (अध्यादेश लाने वाली बात) ठीक कहा है. इसको लंबे समय तक आप लटका नहीं सकते. राम मंदिर से करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी है. वहां भव्य मंदिर बनना चाहिए. मंदिर वहां है, पूजा वहां होती है लेकिन उसको भव्यता प्रदान करने का विषय है. अब कोर्ट में हर दिन इस मामले में सुनवाई होगी.
इंडिया न्यूज- अब आप खुद ही कह रहे हैं कि लटकाना नहीं चाहिए तो फिर कोर्ट पर ही क्यों निर्भर होना?
श्रीकांत शर्मा- दो रास्ते हैं, बातचीत भी एक रास्ता है. अध्यादेश भी एक रास्ता है.
इंडिया न्यूज- क्या राम मंदिर निर्माण को लेकर अध्यादेश का विकल्प खुला है?
श्रीकांत शर्मा- ये तो केंद्र का विषय है. राज्य सरकार का मंत्री होने के नाते मैं सिर्फ इतना ही कह सकता हूं कि राम भक्तों की भावनाओं के साथ लंबे वक्त तक खिलवाड़ नहीं होना चाहिए. हमारी लीडरशिप जल्द इसका रास्ता निकाल लेगी.
इंडिया न्यूज- आपका कैडर कह रहा है कि एससी-एसटी पर आप अध्यादेश लेकर आ सकते हो, तीन तलाक पर आप अध्यादेश ला सकते हो तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आपने एससी-एसटी कानून में संशोधन किया तो राम पर अध्यादेश क्यों नहीं? आप क्यों नहीं कह रहे हो कि अब खुलकर इसी विकल्प (अध्यादेश) पर काम किया जाए?
श्रीकांत शर्मा- बात कैडर की नहीं है, बात भगवान राम पर करोड़ों लोगों की आस्था की है. लंबे समय से आजकल-आजकल, कभी कुछ और अब जब फैसला आना था तो जज साहब (पूर्व CJI दीपक मिश्रा) रिटायर हो गए. फिर कुछ लोगों ने कहा कि इसको 2019 के बाद करना चाहिए. जो लोग तीन तलाक, एससी-एसटी पर अध्यादेश की बात कह रहे हैं हम उनसे अलग नहीं हैं.
गौरतलब है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की मांग पर पिछले 9 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे अयोध्या के तपस्वी छावनी मंदिर के मुख्य पुजारी परमहंस दास को रविवार रात गिरफ्तार कर लिया गया था. इसके कुछ समय बाद ही पूर्व विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के अध्यक्ष और वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद (एएचपी) के अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया उनसे मिलने वाले थे. प्रवीण तोगड़िया ने योगी सरकार के इस कदम को फांसीवादी बताते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा था.
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