लखनउ: यूपी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को जो झटका लगा है, उससे पार्टी अब तक उबर नहीं पा रही है. यूपी में करारी हार का अंदाजा पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को भी नहीं था. इसी को लेकर अब बीजेपी यूपी की हार की समीक्षा में जुट गई है. वहीं प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और संगठन […]
लखनउ: यूपी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को जो झटका लगा है, उससे पार्टी अब तक उबर नहीं पा रही है. यूपी में करारी हार का अंदाजा पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को भी नहीं था. इसी को लेकर अब बीजेपी यूपी की हार की समीक्षा में जुट गई है. वहीं प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह ने बुधवार को लखनऊ के बीजेपी दफ्तर में पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक की और वोटों में आई गिरावट पर चर्चा की.
बीजेपी अब यूपी में हुई करारी हारर का जमीनी स्तर पर आंकलन करने की तैयारी कर रही है. साथ ही उन वजहों को भी जो आखिर दो चुनाव में बीजेपी के साथ खड़े ओबीसी और दलितों ने पार्टी से मुंह क्यों मोड़ लिया. पार्टी के पक्ष में इतना कम वोटिंग क्यों हुआ. क्या बीजेपी को भीतरघात का भी नुक़सान हुआ है या कोई अन्य वजह.
इस बार यूपी में बीजेपी के वोट प्रतिशत में 9% गिरावट आई है जिससे पार्टी अब तक उबर नहीं पा रही है. केंद्र में बीजेपी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने की वजह यूपी ही है. इसलिए यूपी में करारी हार को लेकर अब पार्टी में मंथन शुरू हो गया है. इसके लिए बीजेपी ने नेताओं की एक टास्क फोर्स बनाएगी जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ संगठन के पदाधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा.
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