UP Budget 2018: योगी आदित्यनाथ सरकार ने पेश किया अब तक का सबसे बड़ा बजट, जानिए खास बातें
यूपी की योगी सरकार ने पिछले सालों के मुकाबले कहीं ज्यादा का बजट पेश किया. योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट में सभी वर्गों को ध्यान में रखने की पूरी कोशिश की गई है. बजट में बेसिक, माध्यमिक, उच्च शिक्षा के साथ तकनीकी शिक्षा के लिए 68263.20 करोड़ रुपये का प्रावधान है.
February 16, 2018 6:17 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
लखनऊः उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 4 लाख 28 हजार 384 करोड़ 52 लाख रुपये का बजट पेश किया. योगी सरकार पेश किया गया हय बजट पिछले वर्ष के बजट के सापेक्ष 11.4 प्रतिशत ज्यादा है. यूपी के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने वर्ष 2018-19 का देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश का बजट प्रस्तुत किया. योगी सरकार के इस बजट में कृषि, शिक्षा, रोजगार, ऊर्जा, गौ-रक्षा समेत सभी मुद्दों का ध्यान रखने की कोशिश की गई है. यूपी सरकार के अनुसार अभी तक के इस सबसे बड़े बजट की प्रमुख बातें…
हर घर में बिजली पहुंचाने के लिए 29883.05 करोड़ का प्रावधान किया गया है.
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए 291 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था की गई है.
गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले सभी वर्गों की लड़कियों की शादी के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिए 250 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है.
निजी आवासों पर ग्रिड संयोजित रूफटॉप सोलर पॉवर प्लांट स्थापना हेतु अनुदान योजना के लिये 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.
राष्ट्रीय पशु स्वास्थ्य तथा रोग नियंत्रण कार्यक्रम हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. कान्हा गौ-शाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना हेतु बजट में 98 करोड़ 50 लाख रुपये की व्यवस्था की गई है.
सरकार ने प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के कम्प्यूटरीकरण हेतु 31 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था की है. किसानों को कम ब्याज दर पर फसली ऋण उपलब्ध कराने हेतु सब्सिडी योजना के तहत 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.
बेसिक, माध्यमिक, उच्च शिक्षा के साथ तकनीकी शिक्षा के लिए 68263.20 करोड़ रुपये का प्रावधान है. इस बार सबसे ज्यादा बजट शिक्षा का रखा गया है.
नगर विकास और नगरीय रोजगार के लिए 14654.22 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. ग्रामीण विकास के लिए 22110.72 करोड़ रुपये का प्रावधान है.
सिंचाई की परियोजनाओं, बुंदेलखंड की 8 जरूरी सिंचाई परियोजनाओं, बाढ़ नियंत्रण और जल निकासी की अच्छी व्यवस्था के लिए 10938.19 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है.
चिकित्सा और स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, चिकिस्था शिक्षा और आयुष के लिए 21197.58 करोड़ रुपये का प्रावधान है.
राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ग्रेटर नोयडा में शैक्षणिक सत्र 2018-19 में एमबीबीएस की 100 सीटों पर पाठ्यक्रम प्रारम्भ किया जायेगा.
प्रदेश में मेट्रो रेल परियोजनाओं पर 500 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. कानपुर, मेरठ एवं आगरा में मेट्रो परियोजनाओं के डीपीआर स्वीकृत हो गए हैं. बनारस, इलाहाबाद, झांसी एवं गोरखपुर की मेट्रो परियोजनाओं के डीपीआर को नई मेट्रो रेल नीति के अनुसार संशोधित किया जा रहा है.
प्रदेश के पांच जनपदों के जिला चिकित्सालयों को अपग्रेड कर मेडिकल कॉलेज के रूप में पूर्ण करने के लिये 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. इसके तहत मेडिकल कॉलेजों के लिए 1751.47 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं. इसमें जिला चिकित्सालयों को मेडिकल कॉलेज के रूप में बदले जाएंगे और 8 नए मेडिकल कॉलेज भी बनाए जाएंगे.
पंचायती राज के पास कई महत्वपूर्ण अभियान हैं. इसके लिए 17222.55 करोड़ रुपये का प्रावधान है, जो पिछले बार की तुलना में 16 फीसदी ज्यादा है.
इलाहाबाद कुंभ को यादगार बनाने के लिए सरकार ने इस मद में 1305 करोड़ रुपये की योजनाओं को स्वीकृति दी है. मेले से पहले 14 शहरों को हवाई मार्ग से कुंभ नगरी को जोड़ने का प्रस्ताव है. 100 किमी. की परिधि में आने वाले प्रमुख तीर्थस्थल भी यातायात से जोड़े जाएंगे.
प्रदेश में सड़कों के निर्माण कार्यों हेतु 11 हजार 343 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था की गई है. मार्गों के नवीनीकरण एवं मरम्मत कार्य के लिए 3324 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था की गई है.
आम आदमी बीमा योजना हेतु 10 करोड़ रुपये, ’प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना’ हेतु 130 करोड़ 60 लाख रुपये तथा प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के लिये 4 करोड़ 75 लाख रुपये की व्यवस्था की गई है.
राजकीय मेडिकल कॉलेज कानपुर, गोरखपुर, आगरा और इलाहाबाद में बर्न यूनिट की स्थापना के लिये 14 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.
बजट प्रस्तावों में राजकोषीय घाटा 44 हजार 53 करोड़ 32 लाख रुपये और अंतिम शेष एक हजार 284 करोड़ 23 लाख होना अनुमानित है.