लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार दिवाली से पहले शिक्षा मित्रों, अनुदेशकों और रसोइयों को बड़ा तोहफा दे सकती है। प्रदेश के 1.40 लाख शिक्षा मित्रों, 25 हजार अनुदेशकों और रसोइयों का मानदेय बढ़ाने की तैयारी है। मंगलवार को बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के साथ विभिन्न संगठनों की बैठक में इस पर सहमति […]
लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार दिवाली से पहले शिक्षा मित्रों, अनुदेशकों और रसोइयों को बड़ा तोहफा दे सकती है। प्रदेश के 1.40 लाख शिक्षा मित्रों, 25 हजार अनुदेशकों और रसोइयों का मानदेय बढ़ाने की तैयारी है। मंगलवार को बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के साथ विभिन्न संगठनों की बैठक में इस पर सहमति बनी। मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि मानदेय बढ़ाने का प्रस्ताव जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष रखा जाएगा।
मंगलवार को विधान भवन में मंत्री संदीप सिंह के साथ शिक्षा मित्र संगठन और अनुदेशकों की बैठक हुई। इस बैठक में शिक्षा मित्रों, अनुदेशकों और रसोइयों के मानदेय वृद्धि, मूल विद्यालय में वापसी, चिकित्सा सुविधा और मृतक शिक्षा मित्रों के परिजनों के समायोजन को लेकर चर्चा हुई। मंत्री ने कहा कि वार्ता सकारात्मक रही। सरकार शिक्षा मित्रों की मांगों को लेकर गंभीर है। मुख्यमंत्री से मिलकर इसका हल निकाला जाएगा। इसके साथ ही मानदेय बढ़ाने का प्रस्ताव भी मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा।
मंत्री ने कहा कि बात सकारात्मक रही है। सरकार शिक्षामित्रों की मांगों को लेकर गंभीर है। मुख्यमंत्री से मिलकर समाधान निकाला जाएगा। मंत्री ने कहा कि शिक्षामित्रों की मूल विद्यालयों में वापसी पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। इसके साथ ही मानदेय वृद्धि का प्रस्ताव भी मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा।
दरअसल, 2017 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने शिक्षामित्रों का 11 महीने का मानदेय 10 हजार रुपये तय किया है। शिक्षामित्र अब 11 महीने की जगह 12 महीने का मानदेय मांग रहे हैं। वहीं अनुदेशकों को साल के 11 महीने 9 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलता है। वहीं बेसिक स्कूलों में तैनात रसोइयों को 2 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलता है।
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