लखनऊ : उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव का बिगुल बज गया है. सभी पार्टियां उम्मीदवार उतार रही हैं. निकाय चुनाव 2 चरण में होगा पहला चरण 4 मई और दूसरा चरण 10 मई को होगा और नतीजे 13 मई को घोषित किए जाएंगे. समाजवादी पार्टी में टिकट को लेकर घमासान मचा हुआ है. टिकट न […]
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव का बिगुल बज गया है. सभी पार्टियां उम्मीदवार उतार रही हैं. निकाय चुनाव 2 चरण में होगा पहला चरण 4 मई और दूसरा चरण 10 मई को होगा और नतीजे 13 मई को घोषित किए जाएंगे. समाजवादी पार्टी में टिकट को लेकर घमासान मचा हुआ है. टिकट न मिलने की वजह से बस्ती में सपा के कई नेताओं ने पार्टी छोड़ दी हैं. जिन्होंने पार्टी छोड़ी उन्होंने कहा कि हम लोग 20 साल से पार्टी का झंडा ढो रहे है लेकिन हम लोगों को टिकट नहीं मिला. दूसरी पार्टी से आए नेताओं को तुरंत टिकट मिल जा रहा है.
समाजवादी पार्टी के कई पूर्व नेताओं के टिकट काटकर दूसरे को दे दिए है. बस्ती में राजेंद्र प्रासद हरैया सीट से 15 साल से चेयरमैन थे उनका टिकट कट गया. टिकट न मिलने की वजह से राजेंद्र प्रसाद ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया. सपा ने जैसी ही उम्मीदवारों की घोषणा की उसके बाद से पार्टी में कलह मचा हुआ है. राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि पार्टी अपनी विचारधारा से भटक गई है आने वाले चुनाव में जनता सबक सिखाएगी.
प्रदेश के कुख्यात माफियाओं में शामिल सुनील राठी की पत्नी दीपाली शनिवार को टीकरी नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करने पहुंची.हालांकि वो नामांकन दाखिल किए बिना ही वापस लौट गई.इस दौरान उन्होंने पीठासीन अधिकारियों पर कई गंभीर आरोप लगाए.
दरअसल उत्तर प्रदेश के बागपत में कुख्यात माफिया सुनील राठी की पत्नी टीकरी नगर पंचायत अध्यक्ष पद का नामांकन करने पहुंची हुई थी.इसी दौरान पीठासीन अधिकारी कक्ष से उठकर चले गए.जिस पर दीपाली के अधिवक्ता ने आरोप लगाया है कि उनके आने की खबर सुनकर पीठासीन अधिकारी जानबूझकर वहां से चले गए.दीपाली का नामांकन नहीं हो सका और उन्हें वापस लौटना पड़ा.
सुनील राठी की पत्नी दिपाली ने आरोप लगाया है कि वो तकरीबन दो घंटे तक वहां इंतज़ार की लेकिन पीठसीन अधिकारी नहीं आए, जिस वजह से उन्हें बिना नामांकन के लौटना पड़ा.बता दें कि सुनील राठी का नाम प्रदेश के कुख्यात माफियाओं की सूची में शामिल है.